‘मैं भारतीयों को जानता हूं, वे मेरे मरने पर आंसू नहीं बहाएंगे’, आख़िरी वक्त में मेजर ध्यानचंद
2022-08-29
वह अपने अंतिम दिनों में कहा करते थे, ‘हिंदुस्तान की हॉकी ख़त्म हो गई है. ख़िलाड़ियों में डिवोशन (लगन) नहीं है. जीतने का जज़्बा ख़त्म हो गया है.’ अपनी मौत से दो महीने पहले उन्होंने कहा, ‘जब मैं मरूंगा तो दुनिया रोएगी, लेकिन भारत के लोग मेरे लिए आंसू नहींContinue Reading