राम अवतार बैरवा की गज़ल- “महज इतनी सी दूरी हो चांद-छत की, मैं गर ज़ीना रखूं तो नीचे उतर आए”
2022-10-12
शीत राग की मधु बेला में जब सब पत्ते झड़ जाएंगे, तलहट से कुछ नन्हें पौधे नम घूप पकड़ने आएंगे। बीच सड़क पे बे-बस अम्मा तारों से लिपटके रोयेगी, आधी रात जब भूखे बच्चे चांद को खाने जाएंगे । सावन को कसम दिला देना, इस बार न बरसे सूरत पे,Continue Reading