कवि सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन (अज्ञेय) ने कहा था, ‘खजुराहो एक अचरज है’. हरिवंश राय बच्चन ने कुछ पंक्तियां लिखी हैं:- खजुराहो के निडर कलाधर, अमर शिला में गान तुम्‍हारा । पर्वत पर पद रखने वाला मैं अपने क़द का अभिमानी, मगर तुम्‍हारी कृति के आगे मैं ठिगना, बौना, बे-बानी बुतContinue Reading