छप्पर के मकान में रही, गरीबी रुकावट बनी, लेकिन मेहनत से जब लाखों की नौकरी मिली तो पहली सैलरी टीचर को भेज दी
2023-02-20
“मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है. पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है…” ये लाइन उत्तर प्रदेश के कानपुर की कंचन दीक्षित पर बिल्कुल फिट बैठती है. कंचन ने आर्थिक तंगी के बावजूद छप्पर के नीचे रहकर पढ़ाई की और उनकी मेहनत रंगContinue Reading