हमें ये आज़ादी एक दिन, एक हफ़्ते, एक महीने या एक साल में नहीं मिली. आज जो हम अपनी इच्छानुसार ज़िन्दगी जी रहे हैं, कहीं भी आने-जाने को स्वतंत्र हैं, बिना किसी डर के सिर उठा कर चल रहे हैं, ये सब हज़ारों लोगों के बलिदान के बाद ही मिलाContinue Reading

हमें ये आज़ादी एक दिन, एक हफ़्ते, एक महीने या एक साल में नहीं मिली. आज जो हम अपनी इच्छानुसार ज़िन्दगी जी रहे हैं, कहीं भी आने-जाने को स्वतंत्र हैं, बिना किसी डर के सिर उठा कर चल रहे हैं, ये सब हज़ारों लोगों के बलिदान के बाद ही मिलाContinue Reading