याचिकाकर्ता ने कुटुंब अदालत के आदेश को इस आधार पर चुनौती दी कि 28,000 रुपये की पगार में उसका खर्च करीब 25,000 रुपये है और इसलिए वह अपनी पत्नी को 4,000 रुपये प्रति माह का भुगतान कर सकता है।   नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि अलग रह रहीContinue Reading