1 of 7 मेरा जिंदगी से अब मन ऊब चुका है, पढ़ लिखकर मैं कुछ बन नहीं पाऊंगी, मैं पहाड़ों में घूमना चाहती हूं, शादी के बाद मैं घूम भी नहीं पाऊंगी…. यह लाइनें लिख दरोगा की भतीजी रितिका ने श्रीनगर स्थित गुरुद्वारे के कमरे में जान दे दी थी।Continue Reading