शिव जी का धतूरे से गहरा संबंध है. कहते हैं समुद्र मंथन से निकले विष पीने के बाद शिव बैचेन हो गए थे, उनकी व्याकुलता दूर करने के देवताओं ने धतूरे, बेलपत्र की औषधि बनाकर उन्हें पिलाई थी. उसके बाद से ही भोलेनाथ की पूजा में धतूरा आवश्यक माना जानेContinue Reading