Pahari Day celebrated at Gaiety Theatre, Shimla, an exercise to keep alive the existence of the fading Pahari language, Poets recited poems in Pahari language.

पहाड़ी प्रदेश हिमाचल में दो कोस के बाद भाषा बदल जाती है। प्रदेश के युवा पहाड़ी भाषाओं और बोलियों को भूलता जा रहा है।पहाड़ी भाषा और बोलियों को जीवित रखने और भावी पीढ़ी को इसके प्रति प्रेरित करने के मकसद से शिमला के गेयटी थियेटर में भाषा एवं संस्कृति विभागContinue Reading