इस विरोधाभासी दौर में किसी भी व्यक्ति का मत सबका मत नहीं होता, हर मुद्दा समर्थन और विरोध के बीच बंट जाता है. उस दौर में भी जब किसी इंसान के जाने पर हर शख़्स आंसू बहाये, हर हाथ दुआ में उठ जाए तो समझ लीजिए कि उसने ज़िंदगी मेंContinue Reading