मेरी पहली पिक्चर: किसी के चाचा से पड़ा थप्पड़, दादाजी की सेवा करने पर देखी थी ‘नगीना…’
2022-09-23
आज नेशनल सिनेमा-डे (National Cinema Day) है. सोसाइटी जब सेल्युलाइड के पर्दे पर उतरकर इठलाती, ठुमकती या इतराती है, तो सिनेमा बनता है. इसलिए रुपहले पर्दे पर लहराते पाजामे जैसे पतलून पहनने वाले कलाकार को देख हम बेल-बॉटम पहनने लगते हैं. केश को माथे पर हल्का सा कट देकर ‘साधना-कट’Continue Reading