राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर ने लिखा था, ‘मानव जब जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है…’ मेहनत और धैर्य से इंसान हर मकाम हासिल कर सकता है. सच्ची लगन हो, खुद पर भरोसा हो तो कोई भी शख़्स, फ़र्श से अर्श तक पहुंच सकता है. ओड़िशा की दमयंती मांझीContinue Reading

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर ने लिखा था, ‘मानव जब जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है…’ मेहनत और धैर्य से इंसान हर मकाम हासिल कर सकता है. सच्ची लगन हो, खुद पर भरोसा हो तो कोई भी शख़्स, फ़र्श से अर्श तक पहुंच सकता है. ओड़िशा की दमयंती मांझीContinue Reading

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर ने लिखा था, ‘मानव जब जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है…’ मेहनत और धैर्य से इंसान हर मकाम हासिल कर सकता है. सच्ची लगन हो, खुद पर भरोसा हो तो कोई भी शख़्स, फ़र्श से अर्श तक पहुंच सकता है. ओड़िशा की दमयंती मांझीContinue Reading

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर ने लिखा था, ‘मानव जब जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है…’ मेहनत और धैर्य से इंसान हर मकाम हासिल कर सकता है. सच्ची लगन हो, खुद पर भरोसा हो तो कोई भी शख़्स, फ़र्श से अर्श तक पहुंच सकता है. ओड़िशा की दमयंती मांझीContinue Reading