उस दिन दीवाली थी- लक्ष्मी के शुभागमन का एकमात्र दिन. सुबह उठते ही मनमोहन, मां से लड़कर “कैम्प” में चला गया था. आस-पास गांवों में जोरों से हैजा और मलेरिया फैला हुआ था. भूख और रोग का संयुक्त मोर्चा. प्रत्येक गांव से रोज आठ-दस लाशें उठ जाती थीं. बहुत ‘लिखा-पढ़ी’Continue Reading