”राहों में मुसीबत आई, पर मैंने हार नहीं मानी, मंजिल पर पहुँच कर लिखूँगा, अपनी सफलता की कहानी”.  उपरोक्त पंक्तियां मध्य प्रदेश के शिवकांत कुशवाहा पर बिलकुल फिट बैठती है. जो गरीबी से निकलकर कुछ बनने का सपना देखा. सब्जी बेचीं, भूखे रहे. चार बार असफलता भी मिली. लेकिन हिम्मत नहींContinue Reading