मेजर ध्यानचंद के इस शिष्य ने हॉलैंड को दी थी मात, आज झोपड़ी में कट रहे दिन, संघर्ष में बीता जीवन
खिलाड़ी देश का मान-सम्मान बढ़ाने के लिए दिन-रात एक कर देते हैं. उनका पूरा फोकस अपने खेल पर होता है. ऐसे में अगर वे खेल में अपना बड़ा नाम न बना पाए तो उनका करियर पूरी तरह खत्म होने की पूरी संभावना रहती है. इसके बाद ऐसे खिलाड़ियों की स्थितिContinue Reading