तुलसीदास महाकवि थे. वे जीवन दृष्‍टा थे. रामचरित मानस उनकी प्रति‍निधि रचना है मगर तुलसी केवल मानस के सर्जक ही नहीं है. वे भक्ति आंदोलन के सूत्रधारों में से एक थे और उनका रचा साहित्‍य सर्वकालिक है. तुलसी के साहित्‍य को पढ़ कर धर्म की राह भी खुलती है औरContinue Reading