बेशरम’ उपन्यास ‘लज्जा’ का दूसरा हिस्सा है. इसमें साम्प्रदायिकता की आग में झुलसे जीवनों की कहानी है. तसलीमा नसरीन का यह उपन्यास अपनी जड़ों से दूर रहकर पेश आने वाली सामाजिक मुश्किलों की बात कहता है. प्रस्तुत है इस उपन्यास का एक अंश- मामा के घर में वह कितनी भीContinue Reading