बाबा विश्वनाथ को साक्षी मानकर, अग्निदेव के सात फेरों के बाद सात जन्मों के बंधन में बंधने की शुरुआत श्री काशी विश्वनाथ के धाम में नवंबर से होगी। नव्य, भव्य और दिव्य धाम में होने वाली शादियां भी अनोखी होंगी, क्योंकि बाबा के परिसर के अनुरूप प्राचीन परंपराओं के अनुसारContinue Reading