Taking inspiration from the political experiences of Virbhadra Singh, leaders should do politics for the purpose of service: Viresh Shandilya

वीरभद्र सिंह के राजनीतिक अनुभवों से प्रेरणा लेकर सेवाभाव के उद्देश्य से राजनीति करें नेता : वीरेश शांडिल्य

सोलन  : हिमाचल प्रदेश के छह बार मुख्यमंत्री रहे एवं कई बार केंद्रीय मंत्री व लोकसभा सांसद रहे राजा वीरभद्र सिंह के अंतिम दर्शन कर वापिस लौटते हुए एंटी टैरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने सोलन के चाणक्य रेस्तरां में पत्रकारों से बातचीत की और कहा कि वीरभद्र सिंह के प्रेरणादायक अनुभव ने हिमाचल प्रदेश को एक नई ऊर्जा एवं गति दी। और अगर उन्हें हिमाचल रत्न कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। शांडिल्य ने कहा कि भले ही यशवंत परमार हिमाचल के संस्थापक हैं पर विश्व पटल पर हिमाचल का नाम स्थापित करने का श्रेय सदैव वीरभद्र सिंह को जाता रहेगा। 
 
शांडिल्य ने कहा कि वीरभद्र सिंह ने राजनीति को जनसेवा मानते हुए अपनी जिंदगी लोगों की सेवा करने में लगाई और हर दिल पर अपनी अमिट छाप छोड़ी। और हमेशा स्वस्थ राजनीति के पक्षद वीरभद्र सिंह रहे। शांडिल्य ने कहा कि वीरभद्र सिंह के परिवार से उनके 26 वर्ष से ताल्लुकात हैं और वीरभद्र सिंह ने हमेशा उन्हें आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए आशीर्वाद दिया। और फ्रंट का आतंकवाद के खिलाफ पोस्टर का भी वीरभद्र सिंह ने मुख्यमंत्री रहते विमोचन किया था। 
 
शाडिल्य ने आज रिज मैदान पर राजा वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह, उनके बेटे विधायक विक्रमादित्य सिंह समेत तमाम परिवार को सांत्वना दी और वीरभद्र सिंह के पार्थिव शरीर के समक्ष दौशाला व पुष्प अर्पित किए। वहीं शांडिल्य ने हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से वीरभद्र सिंह की प्रतिमा हिमाचल विधानसभा, रिज मैदान व उनके पैतृक शहर बुशहर में लगाई जाए। वहीं शांडिल्य ने कहा कि आज बहुत अच्छा लगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जेपी नड्डा को शिमला अपने प्रतिनिधि के तौर पर भेजा व इससे पहले नड्डा वीरभद्र सिंह को हस्पताल में भी मिलने गए जिससे पता चलता है कि राजा वीरभद्र सिंह ने हर राजनीतिक पार्टी पर अपनी छाप छोड़ी और जेपी नड्डा ने वीरभद्र सिंह को अपना मार्गदर्शक बताया उससे भी वीरभद्र सिंह के राजनीतिक अनुभव का पता चलता है। वीरभद्र सिंह ने हर वर्ग में अपनी जगह बनाई है जिसके कारण आज उनका जाना भारतीय राजनीति के लिए भी अपुर्णीय श्रति है। 
 
शांडिल्य ने कहा कि राजनीति के मायने बदलने होंगे और सत्ता में आकर सेवा करना ही एकमात्र उद्देश्य होना चाहिए ना कि सत्ता में आकर विरोधियों को नुक्सान पहुंचाया जाए ऐसा नहीं होना चाहिए। वीरभद्र सिंह ने हमेशा स्वस्थ राजनीति को बढ़ावा दिया और सभी राजनेता वीरभद्र सिंह के निधन के बाद संकल्प लें कि राजनीति में राजनीतिक आतंकवाद का खात्मा करने के लिए सभी आगे आएंगे। वीरभद्र सिंह के राजनीतिक अनुभवों से प्रेरणा लेकर सभी राजनेता सेवाभाव के उद्देश्य से आगे बढ़े और हर वर्ग में अपनी बेहतरीन छवि बनाने का प्रयास करें। शांडिल्य ने कहा जिस तरह 26 वर्ष से वह वीरभद्र सिंह से जुड़े हुए थे अब आगे उनके बेटे राजा विक्रमादित्य सिंह से भी सदैव साथ रहेंगे और हर सुख-दुख में परिवार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे । उन्होंने कहा जल्द ही वीरभद्र सिंह की याद में परिवार को हिमाचल रत्न अवार्ड से नवाजा जाएगा ।  
 
वही वीरेश शांडिल्य ने खालिस्तान के मुद्दे पर बातचीत करते हुए कहा कि खालिस्तान ना कभी बना है और ना कभी बनेगा । उन्होंने कहा देश मे किसी कीमत पर भी खालिस्तानी समर्थकों को सर उठाने नही दिया जाएगा व इसके लिए केंद्र सरकार को भी कड़े कदम उठाने चाहिए । वहीं शांडिल्य ने बताया की कांग्रेस की सरकार होते हुए पंजाब का माहौल खराब करने के लिए लुधियाना में पूर्व प्रधनमंत्री शहीद राजीव गांधी के पुतले को आग के हवाले कर दिया गया जो माहौल खराब करने की साजिश है । शांडिल्य ने कहा इस बारे भी जल्द वह पंजाब के राज्यपाल व मुख्यमंत्री से मिलेंगे । वहीं उन्होंने कहा खालिस्तान व भिंडरावाला के मुद्दे पर केंद्र व पंजाब सरकार स्टैंड स्पष्ट करें क्योंकि अगर कोई हिन्दू नेता खालिस्तान व भिंडरावाला के ख़िलाफ बोलता है तो उसको गिरफ्तार किया जाता है पर खालिस्तानी समर्थकों पर सरकार कार्रवाई करने से डरती है । उन्होंने कहा सरकार ने अगर यह दोहरी नीति बंद नही की तो फ्रंट सड़कों पर उतरेगा । इस मौके पर एटीएफआई हिमाचल के प्रदेशाध्यक्ष राजकुमार अग्रवाल, अवतार सिंह, आवाज-ए-हिंदुस्तान के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव रंजन, संजीव सेठ, गुलशन मदान, वासु मदान समेत कई सदस्य मौजूद रहे