तमिलनाडु की रहने वाली सुभिक्षा ने बांग्लादेशी टीना से शादी रचाई है। पेशे से चार्टर्ड एकाउंटेंट सुभिक्षा ने कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं कि छह साल से अधिक समय के बाद पूरा परिवार हमारे साथ है और हमारे लिए उत्साहित है। हमारे संबंधित रीति-रिवाजों के अनुसार हर अनुष्ठान को पूरा किया गया।
पेशे से चार्टर्ड एकाउंटेंट सुभिक्षा ने कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं कि छह साल से अधिक समय के बाद हमारे पूरा परिवार हमारे साथ है और हमारे लिए उत्साहित है। हमारे संबंधित रीति-रिवाजों के अनुसार हर अनुष्ठान को पूरा किया गया। दरअसल सुभिक्षा तब केवल 19 साल की थी, जब उसने अपने माता-पिता को यह बात बताई की वह समलैंगिक है। सुभिक्षा की मां पूर्णपुष्कला सुब्रमणि कहती हैं, “मैं मदुरै में पली-बढ़ी और बाद में कतर में रही। कनाडा जाने के बाद ही हमें समलैंगिक समुदाय के बारे में पता चला। हमारा पहला और सबसे बड़ा डर यह था कि भारत में रहने वाला हमारा पूरा परिवार हमारे साथ रिश्ते तोड़ देगा। साथ भी इस बात का भी डर लगा रहता था कि सुभिक्षा समाज के सवालों का जवाब देगी और सामना करेगी।
प्राइड मंथ इवेंट के बाद मिले जोड़े
टीना की मां पूर्णपुष्कला ने कहा कि हमने महसूस किया कि अगर हमारी बेटी दुखी है तो हमारे परिवार की एकजुटता या फिर समाज की लाग-लपेट का कोई मतलब ही नहीं बचता है। टीना ने खुद को एक समलैंगिक के रूप में पहचाना और फिर उस शादी के रिश्ते से बाहर निकलने का फैसला किया जो कि उसकी बहन ने बिना उसकी रजामंदी के करवा दी थी। बिना मन की गई इस शादी में समलैंगिक होने के बाद भी टीना ने एक विषमलैंगिक पुरुष के साथ शादी के चार साल किसी तरह से बिताए। टीना ने कहा कि “मैं उत्तर-पूर्वी बांग्लादेश के एक छोटे से शहर मौलवीबाजार में पली-बढ़ी हूं। मैं और मेरे माता-पिता 2003 में मॉन्ट्रियल आए थे। मेरी बहन की वजह से हम यहां आए थे, जो कि शादी के बाद यहां रह रही थी।”
बिना मर्जी टीना ने बिताए शादी के 4 साल
टीना ने कहा कि मेरे माता-पिता को LGBTQI+ समुदाय यानी कि (समलैंगिकता) के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उनका मानना था कि मुझे कोई बीमारी है। इसलिए जब मैं महज 19 साल की थी, तब मेरी शादी एक ऐसे व्यक्ति से कर दी गई। यह विश्वास दिलाया गया कि मुझे जो कथित बीमारी है, वह इससे ठीक हो जाएगी। टीना और सुभिक्षा की मुलाकात छह साल पहले कैलगरी में एक ऐप पर हुई थी। जो कि प्राइड मंथ सेलेब्रेशन का हिस्सा था। वहीं टीना की बड़ी बहन ने उसके साथ सभी रिश्ते तोड़ दिए और उसके परिवार से भी दूरी बनाए रखी। लेकिन बदलते समय ने कई मतभेदों को ठीक कर दिया।
बच्चों की खुशी से बढ़कर कुछ भी नहीं: दादी
टीना के परिवार ने सुभिक्षा और उसकी तरफ से चचेरे भाई से भी बातचीत की। इसके बाद एक संस्कृत विद्वान और प्रोफेसर सौरभ बोंद्रे के जरिए शादी का आयोजन किया गया। जहां पूरा परिवार इस शादी में मौजूद था। शादी में मेहमानों में सुभिक्षा की 84 वर्षीय दादी एस पद्मावती शामिल थीं। इस दौरान नई बहू को पाकर उनकी भी खुशी का ठिकाना नहीं था। वे अपनी खुशी का इजहार “थोड़ी हिंदी और कुछ अंग्रेजी” के शब्दों के साथ संवाद कर रही थीं और मुस्कुरा रही थीं। दादी ने कहा कि “जब संदेह हो, तो डर को किनारे रखकर प्यार को चुनें। हमने निराश और दूर जाने के बजाय अपने बच्चों की खुशी को चुना।