तनिश मित्तल: 8वीं के बाद स्कूल छोड़ दिया, 10 साल की उम्र ख़ुद की कंपनी खड़ी कर उसका CEO बन गया

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10 साल की उम्र में एक बच्चे से उम्मीद की जाती है कि वो स्कूल जाए. अधिक से अधिक अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे और बिना किसी लोड के आगे बढ़े. मगर जलांधर की मिडिल क्लास फ़ैमिली में पैदा हुआ इस उम्र का एक बच्चा अलग ही राह पर चल रहा था. तमाम कोशिशों के बावजूद उसका मन पढ़ाई में नहीं लग रहा था. कम्प्यूटर को लेकर वो इतना दीवाना था कि दूसरे सब्जेक्ट्स की किताब खोलकर देखना उसे पसंद नहीं था.

कम्प्यूटर की दुनिया को ही उसने अपनी दुनिया बना लिया. 8वीं क्लास तक आते-आते इस बच्चे ने तरह-तरह के सॉफ्टवेयर पर काम करना, एनिमेशन, वेब डिजाइन, टेक सिक्योरिटी और एथिकल हैकिंग जैसी स्किल्स सीखने में खुद को पूरी तरह समर्पित कर दिया. महज़ 10 साल की उम्र में इस बच्चे ने अपनी खुद की कंपनी खड़ी कर दी.

10 साल के लड़के ने खड़ी कर दी कंपनी

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यहां हम Innowebs Tech के CEO तनिश मित्तल के बारे में बात कर रहे हैं. इंडिया टाइम्स हिन्दी से बात करते हुए तनिश के पापा नितिन बताते हैं कि सात नवंबर 2005 को पैदा हुआ उनका बच्चा शुरू से ही अलग था. वो खुद कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएट थे. सो उनके गुण बेटे में ट्रांसफर होने में ज्यादा वक्त नहीं लगा. नितिन जब कभी घर पर बैठ कर कम्प्यूटर पर काम किया करते थे, तनिश बहुत हैरानी के साथ उन्हें देखता था.  

बेटे की दिलचस्पी देखकर नितिन ने उसे महज़ 6 साल की उम्र में कम्प्यूटर का बेसिक पाठ पढ़ा दिया. फिर क्या था, बच्चे के हाथ से खिलौने छूटे नहीं कि उंगलियां कीबोर्ड पर खेलनी लगीं. 9 साल की उम्र आते तक तनिश को इंटरनेट की अच्छी-ख़ासी समझ हो गई. वो घर पर ही इंटरनेट की मदद से एनीमेशन, ऑडियो, वीडियो एडिट, फोटोशॉप, एनीमेशन, और डिज़ाइन जैसे अनेक काम बखूबी करने लगा था.

8वीं क्लास के बाद स्कूल को अलविदा कह दिया

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नितिन बताते हैं कि वो अपने बच्चे की प्रतिभा को दुनिया के सामने लाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने उसका साथ दिया और उसके इंटरेस्ट का सम्मान किया. यहां तक कि उन्होंने तनिश के स्कूल छोड़ने के फ़ैसले में भी अपनी सहमति दी. नितिन के अनुसार तनिश ने 8वीं के बाद स्कूल को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया. उनके बेटे की शुरुआत अच्छी हुई थी, मगर आगे का सफ़र उसके लिए आसान नहीं था.

जल्द ही वो वक्त आ गया, जब तनिश को घर से निकल कर खु़द को प्रोफ़ेशनल तरीके से तैयार करने की जंग लड़नी थी. इसे जंग ही कहेंगे, क्योंकि इतने छोटे बच्चे को कोई भी अपने यहां एडमिशन देने को तैयार नहीं था. जैसे-तैसे एक निजी संस्थान उनसे बात करने के लिए तैयार हुआ. शुरुआत में तनिश की उम्र जानकर उसने इंकार कर दिया था, मगर जब संस्थान ने तनिश का टेस्ट लिया तो पाया कि वो कोर्स का आधे से ज्यादा सिलेबस पहले से ही जानता था. तनिश की प्रतिभा से प्रभावित होकर संस्थान ने उसे अपने यहां एडमिशन दे ही दिया और वो प्रोफ़ेशनल डिप्लोमा पाने में सफल रहे.

अपनी मेहनत से बने खुद की कंपनी के CEO 

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यह तो महज़ शुरुआत थी. आगे अपने हुनर से तनिश ने अपनी राह आसान कर ली. टेक इंडस्ट्री के कई एक्सपर्ट्स का उन्हें साथ मिला और उनकी कहानी आगे बढ़ी. तनिश के पिता के मुताबिक, तनिश ने अपने शहर के कई साइंस इवेंट्स में भाग लिया, जिससे उन्हें फायदा मिला. लोगों ने उनके काम को खूब सराहा, जिस कारण तनिश आगे बढ़ सके. आज अपनी मेहनत के दम पर तनिश खुद की कंपनी चलाते हैं. उनकी कंपनी  Web Development, Cloud Based Software Development, Animation, Visual Effects, और Cyber Security & Training जैसी सेवाएं दे रही है और धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है.

पिछले पांच सालो में उन्होंने लगातार खुद को तराशा है. परिणाम स्वरूप में वो अलग-अलग मंचों पर कई बार सम्मानित किए जा चुके हैं. स्किल डवलपमेंट कंपनी डियूसॉफ्ट ने उन्हें एक सेमिनार के दौरान ‘यंगस्ट आंत्रप्रेन्योर’ के अवार्ड से सम्मानित किया था. इसी तरह वो ‘पेज-3 एक्सीलेंस अवार्ड’ जैसे कई बड़े सम्मानों से वो नवाजे जा चुके हैं. बातचीत के अंत में तनिश अपने अभी तक के सफ़र पर खुशी जाहिर करते हुए कहते हैं कि, ‘जब आपका जुनून आपका पेशा बन जाता है, तो जीवन सरल और आनंददायक हो जाता है. वहीं तनिश के माता (नीतू मित्तल) और पिता (नितिन मित्तल) को अपने बेटे पर नाज़ है.