शिमला, 27 सितंबर : तारादेवी से शिमला शहर के लिए लगभग 15 किलोमीटर लम्बी रोपवे परियोजना को केंद्रीय वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों से मंजूरी मिल गई है। इस पर करीब 1546.40 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस रोपवे की खास बात यह रहेगी कि शहर में एक जगह से दूसरी जगह जाने में समय की भी बचत होगी और कम किराए में आवाजाही हो सकेगी।
इस परियोजना के संबंध में रैपिड एंड रोपवे ट्रांसपोर्ट सिस्टम डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने मंगलवार को शहरी विकास मंत्री के समक्ष प्रस्तुति दी। .
सुरेश भारद्वाज ने बताया कि यह रोपवे परियोजना तारादेवी से शुरू होगी और इसमें स्मार्ट पार्किंग, लिफ्ट, एस्केलेटर का संयोजन मौजूदा परिवहन नेटवर्क के साथ एकीकृत किया जाएगा। यह एक कार्बन न्यूट्रल प्रोजेक्ट होगा।
उन्होंने बताया कि परियोजना के हिसाब से 10 किलोमीटर तक (रोपवे के हिसाब से दूरी) के सफर के लिए 50 रुपये किराया देना होगा।
उन्होंने कहा कि इस परियोजना में 14.69 किलोमीटर की नेटवर्क लंबाई के साथ 15 बोर्डिंग और डी-बोर्डिंग स्टेशन होंगे। उन्होंने कहा कि यह योजना गाड़ियों पर निर्भरता को काफी हद तक कम करेगी और ट्रैफिक जाम व पर्यावरण को होने वाले नुकसान और समय की बर्बादी जैसी समस्याओं का भी समाधान होगा।
सुरेश भारद्वाज ने कहा कि सही मायने में यह परियोजना जनता के लिए लाभकारी सिद्ध होगी। क्योंकि इससे समय की बचत के साथ पर्यावरण संरक्षण में भी सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि पहले भी कई बार रोपवे लगाने की बातें हुई हैं, लेकिन केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश में मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के नेतृत्व वाली डबल इंजन सरकार ने अनुमानित 1546.40 करोड़ रुपये की इस परियोजना को मंजूरी दी है।
मंत्री ने कहा कि कम किराए में स्थानीय लोगों को सुविधा देने के लिए यह एक बेहतरीन योजना है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना न केवल स्थानीय लोगों के आवागमन बल्कि शिमला में पर्यटन की दृष्टि से भी लाभकारी सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने यातायात के नए माध्यम तलाशने एवं कार्यान्वित करने के लिए इस कॉरपोरेशन की स्थापना की है। जल्द ही इस परियोजना से सम्बंधित वांछित औपचारिकताओं को पूरा कर लिया जायेगा।