मिट्टी पर कर दी टारिंग, गुस्साए ग्रामीणों ने हाथ से उखाड़ दी

 

लोगों ने कहा कि बार-बार ठेकेदार बदलने के बावजूद भी घटिया सामग्री का प्रयोग हो रहा है। टारिंग हाथों से उखड़ जा रही है। मिट्टी पर तारकोल डाल कर सरकारी धन का दुरुपयोग हो रहा है।

हाथ से टारिंग उखाड़ते ग्रामीण। 
सरकारी कामों में लापरवाही किस कदर हावी है, इसका उदाहरण सिरमौर जिले की ददाहू-बिरला वाया तिरमली सड़क का टारिंग का काम है। टारिंग की गुणवत्ता का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि ग्रामीणों ने इसे हाथ से उखाड़ दिया। इसके विरोध में ग्रामीण लामबंद हो गए हैं और मौके पर पहुंचकर काम को बंद करवाया दिया। गुस्साए ग्रामीणों ने हाथ से करीब 200 फीट के दायरे में टारिंग को उखाड़ दिया। 
वीरवार सुबह तिरमली के समीप ग्रामीणों ने ठेकेदार के कर्मियों को मौके से भगा दिया। लोगों ने यहां नारेबाजी शुरू कर दी। हैरानी है कि मौके पर विभाग का कोई अफसर नहीं पहुंचा। चार वर्षों से अधर में लटकी ददाहू-बिरला वाया तिरमली सड़क पर टारिंग का कार्य इन दिनों चल रहा है। सड़क को चार किलोमीटर तक पक्का किया जा चुका है। निर्माण में लगाई गई सामग्री की गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। 

ग्रामीणों का आरोप है कि संबंधित ठेकेदार टारिंग के काम में लापरवाही बरत रहा है। मिट्टी को साफ किए बगैर ही सड़क पर टारिंग की जा रही है, जो पीछे से उखड़ जा रही है। सड़क की दुर्दशा को लेकर 13 नवंबर को ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के काफिले को सड़क पर रोककर इसे पक्का करवाने की गुहार लगाई थी। मुख्यमंत्री ने सड़क की टारिंग के लिए बजट का प्रावधान करके इससे पक्का करने का काम तो शुरू करवा दिया, पर इस पर विवाद हो गया है। 

बिरला पंचायत के पूर्व प्रधान इंद्र सिंह, मोहन लाल, वार्ड सदस्य जयपाल, महिला मंडल की प्रधान शीला देवी, नवयुवक मंडल प्रधान रवि कुमार, पूरन चंद, कृष्णा देवी का आरोप है कि बार-बार ठेकेदार बदलने के बावजूद भी घटिया सामग्री का प्रयोग हो रहा है। टारिंग हाथों से उखड़ जा रही है। मिट्टी पर तारकोल डाल कर सरकारी धन का दुरुपयोग हो रहा है। सहायक अभियंता दिलीप चौहान ने बताया कि वीरवार को वह सरकारी कार्यक्रम में व्यस्त होने के कारण मौके पर नहीं जा सके। सूचना मिलते ही काम बंद करवा दिया गया है।