Tarun Sharma is writing a new concept of self-employment and self-employment with skill

हुनर से स्वरोज़गार और स्वरोज़गार से रोज़गार की नई इबारत लिख रहे हैं तरूण शर्मा

वर्तमान समय में अनेक युवा केन्द्र तथा प्रदेश सरकार की रोज़गारपरक योजनाओं को अपनाकर समाज के समक्ष अपने परिश्रम तथा कौशल के माध्यम से अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। ये युवा शिक्षित बेरोज़गार युवाओं को सफलतापूर्वक यह समझा रहे हैं कि यदि लगन के साथ कार्य किया जाए तो पूरे समाज को एक नई राह दिखाई जा सकती है।
ऐसे ही एक युवा हैं सोलन जिला के ओच्छघाट के तरूण शर्मा। तरूण प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम की सफलता की जीती-जागती मिसाल हैं। वर्तमान में तरूण को पूरे सोलन विकास खण्ड में युवाओं के जीवन को संवारने वाला माना जाता है। तरूण सोलन विकास खण्ड की ग्राम पंचायत ओच्छघाट के जीरो प्वाइंट में स्थापित अपने गत्ता उद्योग ‘देव्यांशी पैकर्ज़’ के माध्यम से हुनर से स्वरोज़गार और स्वरोज़गार से रोज़गार की नई इबारत लिख रहे हैं।
केन्द्र सरकार के महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम को हिमाचल प्रदेश में हाथों-हाथ लिया जा रहा है। इसका प्रमुख कारण है केन्द्र सरकार एवं वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा गांव-गांव तक योजना का समुचित प्रचार-प्रसार सुनिश्चित बनाना। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में राज्य सरकार ने इस महत्वपूर्ण योजना से प्रदेश के युवाओं को लाभान्वित करने के लिए सम्बन्धित विभागों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड तथा ज़िला उद्योग केन्द्रों को निर्देश दिए गए हैं कि वे प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम की पूरी जानकारी गांव-गांव तक पहुंचाएं ताकि शिक्षित युवा इसका लाभ उठा सकें। इसके प्रत्यक्ष लाभ भी दृष्टिगोचर हो रहे हैं।

केन्द्र सरकार के इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम के बारे में तरूण शर्मा को प्रचार-प्रसार के विभिन्न माध्यमों से जानकारी प्राप्त हुई। उन्होंने जानकारी मिलने पर ज़िला उद्योग केन्द्र तथा खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड से सम्पर्क किया। उन्हें अवगत करवाया गया कि वे प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम के तहत ऋण तथा उपदान के लिए आवेदन कर सकते हैं। तरूण शर्मा ने गत्ता आधारित उद्योग स्थापित करने के लिए 25 लाख रुपए का ऋण लिया। उन्होंने वर्ष 2017-18 में ओच्छघाट के जीरो प्वाइंट में देव्यांशी पैकर्ज़ के नाम से अपना व्यवसाय आरम्भ किया।

काम के प्रति लगन और केन्द्र एवं प्रदेश सरकार तथा खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड से प्राप्त मार्गदर्शन के माध्यम से तरूण ने आज अपने स्वरोज़गार को सफलता का प्रतीक बना लिया है। गत 03 वर्षों में उनका यह प्रयास स्थापित आकार ले चुका है।तरूण शर्मा ने देव्यांशी पैकर्ज़ के माध्यम से क्षेत्र के 08-10 युवाओं को रोज़गार भी प्रदान किया है।तरूण शर्मा ने इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम के अन्तर्गत प्राप्त ऋण ने उनके जीवन को एक नई दिशा दी है। आज वो न केवल अपना सफल व्यवसाय चला रहे हैं अपितु बेरोज़गार शिक्षित युवाओं को रोज़गार भी प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब तक वे कुल ऋण का 50 प्रतिशत से अधिक लौटा चुके हैं। वे व्यवसाय के विभिन्न कार्यों को पूरा करने के उपरांत 04 से 05 लाख रुपए वार्षिक आय अर्जित कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि अपने गत्ता उद्योग में वे सेब सहित विभिन्न फलों के कार्टन बाॅक्स और दवाईयों के लिए पैकेजिंग सामग्री तैयार करते हैं। उनके तैयार उत्पाद अपनी गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।तरूण शर्मा ने यह सिद्ध किया है कि केन्द्र तथा प्रदेश सरकार की रोज़गार एवं स्वरोज़गार प्रदान करने वाली योजनाएं आज के शिक्षित युवाओं का ऐसा सहारा है जो उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ अन्य को राह दिखाने का जरिया भी बन सकती हैं। आवश्यकता है तो इन योजनाओं की सही जानकारी प्राप्त कर उचित मार्गदर्शन में इन्हें अपनाने की।