नई दिल्ली. Tax Rules on Gifts: दिवाली आने वाली है जो इसी महीने के अंत में है. दिवाली पर गिफ्ट देना और लेना हर किसी को पसंद होता है. लोग कैश, मिठाई, कपड़े, सोने के गहने सहित विभिन्न प्रकार के उपहार देते हैं. इसके अलावा दिवाली के मौके पर कार और संपत्ति जैसे महंगे गिफ्ट भी देना शुभ मानते हैं. यहां तक कि कंपनी भी कर्मचारियों को दिवाली पर बोनस के रूप में गिफ्ट बांटते हैं. अगर आपको भी गिफ्ट या बोनस मिलने वाला है, या मिल गया है, तो एक बार उसके टैक्स से जुड़े नियम जरूर जान लें. गिफ्ट हो या बोनस, या रुपये पैसे का गिफ्ट, उसका टैक्स नियम जानना जरूरी है.
आयकर अधिनियम की धारा 56 (2) के अनुसार, एक वित्तीय वर्ष में प्राप्त उपहारों पर स्लैब दर के अनुसार “अन्य स्रोतों से आय” के रूप में कर लगाया जा सकता है. हालांकि, परिवार के करीबी सदस्यों के उपहारों को छूट दी गई है. हालांकि दिवाली गिफ्ट आम तौर पर देने वाले व्यक्ति पर निर्भर करता है. आयकर कानून, 1961 के सेक्शन 56(2)(x) के तहत करदाता को मिले गिफ्ट्स पर कर देनदारी बनती है. टैक्स के दायरे में आने वाले गिफ्ट्स में ये चीजें शामिल हैं.
कार पर नहीं लगता कोई टैक्स
आयकर अधिनियम के तहत 50,000 रुपये से अधिक मूल्य की संपत्ति जैसे शेयर और प्रतिभूतियां, गहने, पुरातात्विक संग्रह, चित्र, पेंटिंग, मूर्तियां और कला या बुलियन आदि कोई भी चीज के शामिल हो सकती है. हालांकि, कार संपत्ति के दायरे में नहीं आती है. इसलिए कार उपहार कर के अधीन नहीं हो सकते हैं.
इनसे मिले गिफ्ट पर टैक्स में छूट
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 56 के तहत रिश्तेदारों से मिले गिफ्ट टैक्स फ्री होते हैं. इनकम टैक्स एक्ट के मुताबिक, पति, पत्नी, भाई, बहन, पति और पत्नी के भाई बहन यानी साला और साली, पेरेंट्स के भाई बहन यानी मामा और चाचा, जिन लोगों से खून का रिश्ता हो, या पति पत्नी का जिन लोगों से ब्लड रिलेशन हो, वे रिश्तेदारों की श्रेणी में आते हैं. इन लोगों से मिले किसी भी प्रकार के गिफ्ट पर टैक्स नहीं लगता है. लेकिन दोस्त रिश्तेदारों की श्रेणी में नहीं आते हैं इनसे मिलने वाले गिफ्ट पर टैक्स लगता है.
इन चीजों पर लगता है टैक्स
चेक या कैश में मिली 50000 रुपये से ज्यादा की धनराशि, जमीन, बिल्डिंग आदि जैसी कोई भी अचल संपत्ति, जिसकी स्टांप ड्यूटी 50000 रुपये से ज्यादा हो, 50000 रुपये से ज्यादा की ज्वैलरी, शेयर, पेंटिंग्स या अन्य महंगी चीजें, अचल संपत्ति के अलावा 50000 रुपये से ज्यादा की कोई भी प्रॉपर्टी शामिल है.