जीपीएस के नाम पर लुट रहे है टैक्सी चालक : कमल कुमार 

हिमाचल में टैक्सी चालक जीपीएस के कारण बेहद परेशानी में है।  क्योंकि सरकार ने 13 कंपनियों को ही जीपीएस लगाने के लिए अधिकृत किया है। लेकिन यह कंपनियां  टैक्सी चालकों से मनमाने रेट वसूल रही है।  जिसके चलते ज़्यादातर टैक्सियां घाटे पर चल रही है।  अगर कोई चालक यह जीपीएस नहीं लगाता है तो उसे टैक्सी चलाने की अनुमति नहीं दी जाती है।   टैक्सी यूनियन सोलन समय समय पर अपना विरोध इस जीपीएस व्यवस्था के लिए दर्ज कर चुकी है लेकिन यह व्यस्था जस की तस बनी हुई है।  यूनियन के अध्यक्ष कमल कुमार   ने कहा कि उन्हें विभाग द्वारा जल्द राहत दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि  जो लूट जीपीएस के नाम पर कंपनियां कर रही है उन पर रोक लगानी चाहिए
टैक्सी यूनियन सोलन के अध्यक्ष कमल कुमार ने कहा कि जो जीपीएस बाज़ार में दो से तीन हज़ार रूपये में मिल जाता है वह पहले करीबन 18 हज़ार रूपये में जबरन लगवाया गया।  अभी भी यह जीपीएस सिस्टम करीबन 8  से१२ हज़ार रूपये में अधिकृत कंपनियां लगा रही है।  उन्होंने कहा कि अगर यह सुविधा बाज़ार में 3 हज़ार रूपये में मिल रही है लेकिन विभाग द्वारा अधिकृत कंपनियों से ही जीपीएस  लगाने के लिए उन्हें बाध्य किया जा रहा है। कमल ने कहा कि जीपीएस सिस्टम का चालक को कोई फायदा नहीं है। उन्होंने इसे खत्म करने की मांग की और कहा कि अगर सरकार इसे चलाना ही चाहती है तो नई गाड़ी में इसे कम्पनी द्वारा ही इंस्टाल करवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था से चालकों को बहुत नुक्सान हो रहा है। इस व्यवस्था को बदलने की आवश्यकता है।