नई दिल्ली. भारत और पाकिस्तान एशिया कप में आज (रविवार) एक बार फिर आमने-सामने होंगे. यह एक सप्ताह में दूसरा मौका है, जब दोनों टीमों एकदूसरे से जोर आजमाइश करेंगी. भारत ने 28 अगस्त को रोमांचक मुकाबले में पाकिस्तान को आखिरी ओवर में शिकस्त दी थी. लेकिन आज (4 सितंबर) को भारत की राह आसान नहीं दिख रही है. इसकी वजह खिलाड़ियों की चोट और बीमारी के साथ-साथ चयनकर्ताओं का प्रयोग भी है. इन प्रयोगों के चलते हालत यह हो गई है कि 15 सदस्यीय भारतीय टीम में खिलाड़ियों का सही रिप्लेसमेंट भी नहीं है.
चयनकर्ताओं का प्रयोग समझने के लिए सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि भारत की 15 सदस्यीय टीम में कौन-कौन से खिलाड़ी हैं. इसलिए पहले पूरी टीम पर नजर डाल लीजिए. रोहित शर्मा (कप्तान), केएल राहुल (उपकप्तान), विराट कोहली, सूर्यकुमार यादव, दीपक हुडा, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), दिनेश कार्तिक (विकेटकीपर), हार्दिक पंड्या, अक्षर पटेल (रवींद्र जडेजा का रिप्लेसमेंट), आर अश्विन, युजवेंद्र चहल, रवि बिश्नोई, भुवनेश्वर कुमार, अर्शदीप सिंह और आवेश खान.
साफ है कि भारत की इस टीम में सिर्फ तीन स्पेशलिस्ट तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार, अर्शदीप सिंह और आवेश खान चुने गए हैं. इतने ही स्पेशलिस्ट स्पिनर आर अश्विन, युजवेंद्र चहल, रवि बिश्नोई चुने गए हैं. हार्दिक पंड्या तेज गेंदबाजी करने वाले ऑलराउंडर हैं. अक्षर पटेल को स्पिन ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा की जगह टीम में शामिल किया गया है, जो चोट के कारण टीम से बाहर हो चुके हैं.
अब यही प्रयोग या कॉम्बिनेशन टीम इंडिया का सिरदर्द बन गया है. दरअसल तेज गेंदबाज आवेश खान बीमार हो गए हैं. उन्हें बुखार बताया जा रहा है. कोच राहुल द्रविड़ ने साफ किया कि वे पाकिस्तान के खिलाफ सुपर-4 के मुकाबले में नहीं खेल पाएंगे. यानी टीम इंडिया को उनकी जगह दूसरे खिलाड़ी को उतारना होगा. अब समस्या यह है कि भारत की 15 सदस्यीय टीम में ऐसा कोई खिलाड़ी ही नहीं है, जो तेज गेंदबाजी करना जानता हो. स्पष्ट है कि भारत को अब आवेश खान की जगह किसी स्पिनर को उतारना पड़ेगा. शीशे की तरह साफ है कि यह भारत की पसंद नहीं मजबूरी होगी. अगर भारत के पास आवेश की जगह तेज गेंदबाज का विकल्प होता तो टीम मैनेजमेंट उसके साथ ही जाता.
यहीं पर चयनकर्ताओं की गलती सामने आ जाती है. भारत की मौजूदा टीम में ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा समेत 4 स्पिनर चुने गए. यह जानते हुए भी कि प्लेइंग XI में आमतौर पर अधिकतम 2 स्पिनर ही खेलते हैं. हम सबने देखा कि एशिया कप में भारतीय टीम में मौजूद चारों तेज गेंदबाज (हार्दिक पंड्या समेत) खेले. जबकि दो स्पिनर बेंच में बैठे मिले.
यहीं पर टीम संतुलन की बात आती है. जब भी 14-15 सदस्यीय टीम चुनी जाती है तो यह ख्याल रखा जाता है कि कम से कम एक अतिरिक्त तेज गेंदबाज जरूर रहे. भारतीय चयनकर्ताओं से यहीं पर गलती हो गई. उन्होंने ऐसा नहीं किया और अब इसका खामियाजा टीम को मैदान पर भुगतना पड़ सकता है.
वैसे एक और बात. भारत की मौजूदा टीम में चयनकर्ता के प्रयोग से ज्यादा असमंजस दिखाई दे रहा है. वे शायद इस बात को लेकर सुनिश्चित नहीं हो पा रहे थे कि रविचंद्रन अश्विन और रवि बिश्नोई में से किसे चुना जाए. यह तो तय था कि ऑलराउंडर जडेजा और युजवेंद्र चहल की प्लेइंग इलेवन में जगह तय है. ऐसे में सही यह होता कि चयनकर्ता अश्विन और बिश्नोई में से किसी एक स्पिनर को चुनते और दूसरी जगह एक अतिरिक्त तेज गेंदबाज को देते. अगर ऐसा होता कि टीम में एक अतिरिक्त स्पिनर और एक पेसर भी होता. चयनकर्ताओं की यह चूक अब भी टीम इंडिया पर भारी पड़ रही है.