कहते हैं, पुरुष की सफलता के पीछे महिला होती है। मगर यहां, महिला की सफलता में पुरुष मार्गदर्शक के साथ-साथ प्रेरक भी है। दरअसल, पांवटा साहिब (Paonta Sahib) में तहसीलदार के पद पर तैनात ऋषभ शर्मा की अर्धांगिनी शीतल शर्मा ने हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग (HPPSC) द्वारा आयोजित कॉलेज कैडर में अंग्रेजी विषय में सहायक प्रोफेसर (assistant professor College Cadre) के पद पर सफलता हासिल की है।
ये कामयाबी लीक से हटकर इस कारण भी है, क्योंकि लिखित परीक्षा के दौरान शीतल शर्मा 8 महीने के बेटे की परवरिश की जिम्मेदारी भी संभाल रही थी। हालांकि, विषय से जुड़े सवालों की तैयारी शीतल ने अपने स्तर पर की, लेकिन इसके अलावा परीक्षा के शेष पाठ्यक्रम के मार्गदर्शक ऋषभ शर्मा बने। मूलतः शिमला (Shimla) के ठियोग की बेटी व ट्रांसगिरि क्षेत्र के सतौन की पुत्रवधू शीतल शर्मा ने शिमला के लक्कड़ बाजार स्कूल से जमा दो की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद संजौली महाविद्यालय से ग्रेजुएशन की।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (Himachal Pradesh University) से एमए व एमफिल की पढ़ाई पूरी करने के बाद वो मौजूदा में चंडीगढ़ से पीएचडी (Ph.D) कर रही हैं। बेशक ही मासूम बच्चे की परवरिश में परिवार का सहयोग मिलता होगा, लेकिन इसमें भी कोई इत्तफाक नहीं है कि मासूम बच्चे की परवरिश की असल जिम्मेदारी मां को ही निभानी पड़ती है। ऐसे में लोक सेवा आयोग की परीक्षा को उत्तीर्ण करने के साथ-साथ पीएचडी की पढ़ाई को जारी रखना सामान्य नहीं है।
बता दें कि पांवटा साहिब के तहसीलदार ऋषभ शर्मा ने 2017 में एचएएस एलाइड की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। नालागढ़ व ठियोग में तहसीलदार रहने के दौरान ऋषभ शर्मा की कार्यशैली शानदार रही थी। वैश्विक महामारी के दौरान नालागढ़ में तैनाती थी।
इस दौरान औद्योगिक क्षेत्र में कोविड (COVID-19) को नियंत्रित करने के अलावा भी कई चुनौतियां सामने आई थी। इसकी कसौटी पर सिरमौर (Sirmour) के सतौन के रहने वाले ऋषभ शर्मा बखूबी खरा उतरे थे। 2020 में ऋषभ व शीतल शर्मा परिणय सूत्र में बंधे।
पारिवारिक पृष्ठभूमि….
सतौन की पुत्रवधू शीतल की सास सुमन शर्मा तहसील कल्याण अधिकारी के पद पर तैनात हैं। ससुर सामेश्वर शर्मा सतौन पंचायत के उप प्रधान रहे हैं। साथ ही सामाजिक कार्यों में भी तत्पर रहते हैं। ननद वैशाली शर्मा को ऑपरेटिव सोसायटी मे निरीक्षक के पद पर कार्यरत हैं।