Temjen Imna Along कौन? जिनके सिंगल्स मूवमेंट से लेकर छोटी आंखों वाले बयान सुर्खियां बटोर रहे हैं

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भारत के नागालैंड को लेकर कई तरह की भ्रांतियां फैली हुई हैं. जहां कुछ लोग लगता है कि यह भारत का हिस्सा नहीं है और यहां जाने के लिए वीजा चाहिए होता है. वहीं कुछ लोगों को लगता था कि नागालैंड के लोग इंसान को मारकर खाते हैं. नागालैंड के मंत्री Temjen Imna Along ने ऐसी तमाम भ्रांतियों पर खुलकर बात की और अपनी हाजिर जवाबी से सबका दिल जीत लिया.

कौन हैं Temjen Imna Along?

Representative Image/The SunRepresentative Image/The Sun

Temjen Imna Along नॉर्थ ईस्ट से आते हैं और फिलहाल नागालैंड सरकार में मंत्री हैं. इसके अलावा वो बीजेपी नागालैंड के चीफ भी हैं. Temjen सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहते हैं. उनकी अक्सर कई वीडियोज या पोस्ट वायरल होती रहती हैं. इस बीच उनका एक वीडियो इन दिनों चर्चा का विषय है. वीडियो में मंत्री ने बताया है कि 1999 में वो दिल्ली आए हुए थे. उस समय उन्होंने दिल्ली में जो महसूस किया. जो उनके अनुभव हैं. वो लोगों को अपने भाषण के दौरान उन्होंने जनता के साथ शेयर किए.

मंत्री महोदय ने बताया कि जब वो 1999 में नागालैंड से दिल्ली आए थे. लोगों को पता नहीं था कि नागालैंड भारत का ही हिस्सा है. कुछ लोगों को लगता है कि यहां जाने के लिए वीजा लगता है. नागालैंड को लेकर लोगों के मन में कई भ्रांतियां फैली हुई हैं. कुछ लोगों को लगता है कि नागालैंड के लोग इंसान को मारकर खाते हैं. वे उस दौरान मजाकिया लहजे में ये सब बातें बोल रहे हैं. जिसे सुनकर आपकी हंसी नहीं रुकेगी.

Temjen Imna Along Viral Video Imphal Free Press

इससे पहले ‘विश्व जनसंख्या दिवस’ के मौके पर उनका एक ट्वीट वायरल हुआ था. जिसमें उन्होंने देश की बढ़ती आबादी पर बात की थी. उन्होंने कहा था, आइए हम आबादी में बढ़ोतरी के मुद्दों के प्रति समझदार हों और बच्चे पैदा करने पर सूचित विकल्प पैदा करें. या फिर मेरी तरह सिंगल रहें और एक साथ हम एक स्थाई भविष्य की दिशा में मदद कर सकते हैं. आइए आज सिंगल्स मूवमेंट में शामिल हों”.

Temjen Imna Along का छोटी आंखों वाला एक बयान भी वायरल हुआ था. अपने बयान में उन्होंने क्या कहा था, “लोग कहते हैं कि पूर्वोत्तरवासियों की आंखें छोटी होती हैं. हां, हमारी आंख छोटी है, पर मैं अच्छे से देख सकता हूं. छोटी आंखें होने का फायदा यह है कि अंदर गंदगी कम जाती है. साथ ही जब मंच पर जब बैठते हैं और कार्यक्रम लंबा चल जाता है, तब हम एक तरीके से सो भी जाते हैं”.