पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट से बाहर आते ही बढ़ा खतरा, आतंकी ट्रेनिंग कैंप सक्रिय

खुफिया एजेंसियों से जुड़े सूत्रों ने बताया कि ग्रे लिस्ट से बाहर आने के बाद पाकिस्तान का मनोबल बढ़ा है। ऐसे में वह भारत में अशांति फैलाने के  लिए सभी तरह की साजिशें करेगा। इसमें घुसपैठ कराने से लेकर टेरर फंडिंग, नारको टेररज्मि, भारत के खिलाफ दुष्प्रचार आदि शामिल हैं।

जम्मू में तैनात सुरक्षाबल
जम्मू में तैनात सुरक्षाबल

पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट से बाहर आते ही जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का खतरा और अधिक बढ़ गया है। कहा जा रहा है कि अब सीमा पार से और अधिक घुसपैठ तथा आतंकियों को धकेलने की कोशिशें होंगी। संभावित विधानसभा चुनाव को प्रभावित करने की कोशिशें भी तेज हो सकती हैं। वहीं, सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में आतंकी ट्रेनिंग कैंप पूरी क्षमता के साथ चलने लगे हैं।

खुफिया एजेंसियों से जुड़े सूत्रों ने बताया कि ग्रे लिस्ट से बाहर आने के बाद पाकिस्तान का मनोबल बढ़ा है। ऐसे में वह भारत में अशांति फैलाने के  लिए सभी तरह की साजिशें करेगा। इसमें घुसपैठ कराने से लेकर टेरर फंडिंग, नारको टेररज्मि, भारत के खिलाफ दुष्प्रचार आदि शामिल हैं।

सूत्रों के अनुसार हर बार की तरह इस बार भी भारी बर्फबारी से पहले एलओसी से सटे राजोरी, पुंछ, बारामुला, बांदीपोरा व कुपवाड़ा से घुसपैठ की कोशिशें होंगी, लेकिन इस बार बदलाव यह है कि अब पाकिस्तानी सेना की सरपरस्ती में नियंत्रण रेखा (एलओसी) से सटे घरों को ही लॉंचिंग पैड के रूप में तब्दील कर दिया गया है।

कई स्थानों पर तो पाकिस्तानी सेना ने अपने पोस्ट को ही लॉचिंग पैड के रूप में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है, जिसमें पांच से सात प्रशिक्षित आतंकियों ने डेरा डाल रखा है। सूत्र यह भी बताते हैं कि पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर के मुजफ्फराबाद, कोटली, बाज, निखयाल, बिंबर आदि जगहों पर लश्कर-ए-ताइबा व जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंप पूरी क्षमता के साथ काम करने लगे हैं।

पाकिस्तान के हिजबुल मुजाहिदीन से हाथ खींचने के कारण इनके ट्रेनिंग कैंप में कम संख्या में आतंकी प्रशिक्षण ले रहे हैं। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद यह सारे कैंप बंद हो गए थे, जो पिछले कुछ समय में दोबारा सक्रिय हो गए हैं। जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी डॉ. एसपी वैद का कहना है कि जून 2018 से चार साल से भी अधिक समय तक ग्रे लिस्ट से बाहर आने के बाद पाकिस्तान की नापाक हरकतें बढ़ेंगी।

हालांकि, वह पहले भी अशांति फैलाने की साजिशों में हर वक्त जुटा रहता था। लेकिन अब बदली परिस्थितियों में खतरा और अधिक बढ़ा है। सुरक्षा बलों को और अधिक सतर्कता बरतते हुए उसकी नापाक साजिशों को नाकाम करना होगा। टेरर फंडिंग तथा हवाला के नेटवर्क को लगातार चेक करना होगा ताकि आतंकी संगठनों व उसके मददगारों तक सहायता न पहुंचने पाए।

नारको टेररज्मि पर अधिक जोर
सूत्रों ने बताया कि ग्रे लिस्ट में आने के बाद पाकिस्तान से टेरर फंडिंग लगभग बंद हो गई थी। इससे आतंकी संगठनों को पैसे की कमी महसूस होने लगी थी। इससे निपटने के लिए सीमा पार से नारको टेररज्मि को बढ़ावा दिया जाने लगा। सीमा पार से नशे की भारी खेप इधर पहुंचाई जाने लगी। इसकी बिक्री से मिलने वाले पैसे को आतंकी संगठनों तक पहुंचाया जा रहा है। नशे की तस्करी में महिलाओं का भी इस्तेमाल किया जाने लगा है। जुलाई से लेकर अब तक कश्मीर से लाई जाने वाली 41 किलो हेरोइन बरामद की जा चुकी है। कश्मीर से हेरोइन की तस्करी कर इसे देशभर में पहुंचाया जा रहा है।

सीमा पर सतर्कता और बढ़ी
पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट से बाहर आने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) तथा नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सुरक्षा बलों ने सतर्कता और अधिक बढ़ा दी है। आईबी पर घने कोहरे तो एलओसी पर खराब मौसम व बर्फ की आड़ में घुसपैठ की कोशिशें तेज होने की आशंका में सुरक्षा बलों को पूरी मुस्तैदी के साथ गश्त करने के निर्देश दिए गए हैं। सूत्रों ने बताया कि भारी बर्फबारी के बाद घुसपैठ के रास्ते बंद हो जाएंगे। ऐसे में आतंकी संगठनों की ओर से नए रास्ते की तलाश की जा सकती है। इन सबको देखते हुए पूरी एलओसी पर सतर्कता बरतने को कहा गया है।