गर्भपात का कानून जब बना था, तब की स्थिति को ध्यान में रखते हुए भले ही इसे विवाहित महिलाओं तक सीमित रखना सहज और स्वाभाविक माना गया होगा, लेकिन इस बीच समाज में विवाह और परिवार को लेकर बहुत सारे बदलाव देखने को मिले हैं। अब लिव इन जैसे रिश्ते पनप रहे हैं, जो विवाह और परिवार के पारंपरिक मॉडल से अलग हैं।
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