टीबी की वो 7 लाख वाली दवाई, जिसपर संसद में अधीर रंजन चौधरी ने पूछा केंद्र से सवाल

News About Tuberculosis medicine: लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान आज टीबी की दवा को लेकर सवाल जवाब हुआ। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने टीबी की एक महंगी दवाई पर केंद्र से सवाल पूछा। 7 लाख की इस दवाई को लेकर केंद्र का जवाब चौंकाने वाला था।

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अधीर रंजन चौधरी का टीबी पर संसद में सवाल

ई दिल्ली: देश में ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) हर साल करीब 1.5 लाख लोगों की मौत हो जाती है। केंद्र सरकार 2025 तक देश को टीबी फ्री करने का अभियान चला रही है लेकिन टीबी की दो दवा को लेकर लोकसभा में आज अधीर रंजन चौधरी ने सरकार से सख्त सवाल पूछे। दरअसल, चौधरी ने सरकार से पूछा कि टीबी एक संक्रामक बीमारी है ऐसे में ड्रग रजिस्टेंट टीबी के लिए जो नई दवा बेंडाक्यूलाइन (Bedaquiline) और डेलामाइंड (Delamanid) मिली है उसकी किल्लत की खबरे हैं और ये प्राइवेट अस्पतालों में क्यों नहीं मिल रही है?


जानिए चौधरी का सवाल
कांग्रेस नेता चौधरी ने कहा कई सारे मंत्री और बड़े-बड़े लोग टीवी के मरीज को देखने जाते हैं। ये अच्छी बात है। लेकिन जो गए थे उनको भगवान स्वस्थ रखे क्योंकि टीवी संक्रामक रोग है। इसके बाद चौधरी ने सवाल पूछते हुए कहा कि ड्रग रजिस्टेंट टीबी के लिए जो नई दवा मिली है, उसका नाम है Bedaquiline and Delamanid लेकिन खबर मिल रही है कि इसकी किल्लत काफी बढ़ती जा रही है आप जवाब में कहते हैं कि ये अभी मिल रही है। मेरा सवाल ये है कि क्या ये आम लोगों के लिए मौजूद है। ये पेटेंट में है, ये ड्रग जरूरी दवाइयों की सूची में है?

केंद्र सरकार का जवाब
स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ भारती प्रवीण पंवार ने चौधरी के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि मल्टी ड्रग रजिस्टेंट टीबी के केस बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले इसका पता चलने पर ट्रीटमेंट शुरू होता था आज सरकार ने ये सुविधा दी है कि तकनीक के जरिए हम ट्रीटमेंट के दौरान ही ड्रग रजिस्टेंट पकड़े। उन्होंने कहा कि ये दोनों दवाएं सारे सरकारी अस्पताल में मौजूद है, ये महंगी दवा है, ये दवा प्राइवेट में नहीं मिलेगा। सरकार ने कहा कि टीबी के मरीज सरकारी अस्पताल में आए, सरकार का ये उद्देश्य ये है कि ये दवा मरीज को मिले। सभी को फ्री में ये दवा दी जा रही है। सब सरकार फ्री में दे रही है तो प्राइवेट में क्यों लेना चाहते हैं?

क्या है Bedaquiline and Delamanid

बेंडाक्यूलाइन और डेलामाइंड दो हाई एंटीबॉयोटिक्स हैं। इस दवा से ड्रग रजिस्टेंट टीबी के शिकार मरीजों को काफी फायदा मिला है। इस दवा के जरिए टीबी बीमारी की इलाज की समयसीमा 24 महीने से घटकर 9 महीने हो रह गई है।

बहुत महंगी है ये दवाई

बेंडाक्यूलाइन काफी महंगी दवाई है। इसके एक वॉयल की कीमत 7 लाख रुपये है। केंद्र सरकार इस दवा को सभी सरकारी अस्पतालों में मुफ्त में उपलब्ध करा रही है। वहीं डेलामाइंड दवा की कीमत 1.50 लाख रुपये हैं। ये दवा भी फ्री में उपलब्ध करवाई जा रही है।