जाको राखे साईंया, मार सके न कोई. एक बार फिर ये साबित हो गया. कर्नाटक के बेलगावी ज़िले की 2.5 साल की बच्ची ने मौत को हरा दिया. ये बच्ची कई दिनों तक अकेले जंगल में भटकती रही, भूख-प्यास, जंगली जानवरों, ज़हरीले कीड़े-मकोड़ों का सामना किया और जीवित बच गई.
बहादुर अदिति से मिलिए
The New Indian Express
The New Indian Express की एक रिपोर्ट के अनुसार, ज़िला बेलगावी के खानापुर स्थित चोपोली जंगल में 2.5 साल की बच्ची, अदिति इतगेकर चार दिनों तक भटकती रही. ये जंगल बाघ, तेंदुआ, भालू और अन्य जंगली जानवर, ज़हरीले सांप, बिच्छू, कीड़े-मकौड़े से भरा है. अदिति चार दिनों तक भूखी-प्यासी, अकेली जंगल में रही लेकिन वो जीवित और सुरक्षित बच गई.
अदिति भूख की वजह से बेहोश हो गई थी लेकिन उसके शरीर पर एक खरोंच तक नहीं थी. शरीर पर सिर्फ़ मच्छर काटने के निशान थे और उसके हाथ-पैर, सभी अंदरूनी अंग सही-सलामत थे.
ग्रामीणों और पुलिस ने मिलकर की खोज
Karnataka Tourism/Representational Image
दरअसल 26 अप्रैल को अदिति के माता-पिता, सुनीता और शिवाजी चापोली जंगल स्थित चिरेखानी गांव में अपने रिश्तेदार के यहां गए थे. अदिति के माता-पिता अंदर थे और वो खेलते-खेलते जंगल में चली गई. जब माता-पिता को पता चला कि अदिति गायब है तो वो घबरा गए और ये खबर आग की तरह फैल गई. पुलिस और 150 ग्रामीणों ने मिलकर चार दिनों तक अदिति की तलाश की लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला. गांववाले उम्मीद छोड़ चुके थे लेकिन युवाओं का एक दल 29 अप्रैल की शाम एक बार फिर जंगल में बच्ची को ढूंढने निकला. इस दल ने फिर से जंगल का चप्पा-चप्पा छानना शुरू किया. उन्हें अदिति घर से 1.5 किलोमीटर की दूरी पर झाड़ियों में बेहोशी की हालत में मिली.
एक छोटी सी बच्ची इतने बड़े जंगल में इतने दिन तक कैसे जीवित बच गई ये वयस्कों के लिए भी एक रहस्य है.
लगभग एक दशक पहले भारतीय वायुसेना का एक हेलीकॉप्टर इस जंगल में क्रैश हुआ. एक जवान को बेहोशी की हालत में पाया गया और वहीं दूसरा जवान, जो मदद के लिए गया था उसका कुछ पता नहीं चला, ये मान लिया गया कि उसे जंगली जानवरों ने मार दिया है. बाघ, हाथी, तेंदुए, भालू के गांव में घुसकर उधम मचाने की कई घटनाएं घटी हैं. कुछ दिनों पहले बेलगावी के ही जंगल में एक बाघ ने एक महिला को मार दिया.