वीरभद्र सिंह के सुरक्षा अधिकारी रहे DSP पदम सिंह पर BJP सरकार मेहरबान, रिटायरमेंट के बाद दिया सेवाविस्तार

शिमला. जिस पुलिस अफसर पर भाजपा चेहेतों को नौकरी दिलाने का आरोप लगाती थी, उसी को अब रिटायरमेंट के बाद सेवाविस्तार दिया गया है. रिटायर्ड और टार्यड लोगों को नौकरी से बाहर करने का नारा देने वाली भाजपा सरकार ने उन्हें छह महीने के लिए दोबारा नौकरी पर रखा है. मामला हिमाचल प्रदेश का है. यहां पर जयराम सरकार ने पूर्व दिवंगत मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के सुरक्षा अधिकारी रहे पुलिस अफसर पदम सिंह को री-इम्प्लॉयमेंट दी है. गुरुवार को इस संबंध में आदेश जारी हुए हैं.

दरअसल, डीएसपी पदम दास ठाकुर 31 अगस्त, 2022 को रिटायर हुए. लेकिन अब मुख्य सचिव की ओर से जारी आदेशों में इन्हें डीएसपी लीव रिजर्व टीटीआर शिमला में छह महीने के लिए सेवा विस्तार दिया गया है. 31 मार्च, 2023 तक इनका कार्यकाल रहेगा. यह रीइम्प्लॉयमेंट पुलिस मुख्यालय में खाली पड़े डीएसपी के एक पद के अंगेस्ट दी गई है.

चर्चा इस बात की है कि पूर्व मुख्यमंत्री के सुरक्षा अधिकारी को वर्तमान सरकार ने चुनाव से ठीक पहले क्यों पुनर्नियुक्ति दी है.भाजपा ने 2017 में सरकार बनाने के बाद नीतिगत फैसला लिया था कि वह पूर्व कांग्रेस सरकार की तरह सेवानिवृत्त को दोबारा नौकरी अथवा सेवाविस्तार नहीं देंगे. केवल जहां अत्यंत जरूरत हो, वहीं पर पुनर्रोजगार देंगे. लेकिन अब यू –टर्न लिया है. ऐसे ही राजस्व विभाग में सरकार ने पटवारियों को सेवा विस्तार दिया था.

भाजपा ने ही लगाए थे आरोप
साल 2017 के विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा ने हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पर आरोपों की झड़ी लगाते हुए एख चार्जशीट तैयार की थी. इसमें पदम सिंह पर भी आरोप लगाए थे. क्योंकि वह उस दौरान तत्कालीन सीएम वीरभद्र सिंह के सुरक्षा अधिकारी थे, तो उनपर भी आरोप लगाए गए थे कि उन्होंने अपने चेहेतों और बेटे-बेटियों को नौकरी दिलवाई है. बता दें कि पदम सिंह वीरभद्र सिंह के काफी करीबी थी और हमेशा उनके सुरक्षा अधिकारी के तौर पर नजर आए.