पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम की पार्थिव देह बुधवार देर शाम करीब 7 बजे मंडी पहुंची। इससे पहले जगह-जगह कांग्रेस कार्यकर्ता एकत्रित हुए और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। बुधवार सुबह दिल्ली से विशेष एम्बुलैंस के माध्यम से पंडित सुखराम की पार्थिव देह को मंडी शहर के बाड़ी स्थित घर में लाया गया। एम्बुलैंस के साथ अनिल शर्मा, उनकी पत्नी सुनीता शर्मा और पोता आश्रय शर्मा दिल्ली से आए। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, शिमला के विधायक विक्रमादित्य सिंह, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर व सोहन लाल ठाकुर सहित अन्य कांग्रेस नेता बाड़ी स्थित उनके घर पर पहुंचे। सदर से विधायक एवं बेटे अनिल शर्मा ने घर पहुंचने पर कहा कि उनके पिता कष्टों और संघर्ष के बीच आगे बढ़े थे। हवाओं के उलटा चलते थे पंडित सुखराम। वह कहते थे कि काम करना है।
पौत्र वधू अर्पिता नहीं पहुंच पाएगी मंडी
वहीं पौत्र वधू अर्पिता सिंगापुर में कोविड टैस्ट की वजह से दादा के अंतिम संस्कार में नहीं पहुंच पाएगी। अनिल शर्मा ने बताया कि अर्पिता का आने का कार्यक्रम तय था और चौपर भी तैयार था, लेकिन कोविड टैस्ट के कारण उन्हें सिंगापुर से आने की अनुमति नहीं मिल पाई।
योगा और सैर करना नहीं छोड़ते थे पंडित सुखराम
पंडित सुखराम 95 साल की उम्र में भी योगा और सैर करना नहीं भूलते थे। घर में सुबह आधा घंटा तक योगा करते थे और इसके बाद अपने दोस्तों के साथ पड्डल मैदान में सैर करना नहीं भूलते थे। कभी सुबह के समय तो कभी शाम के समय घर से सैर के लिए निकला करते थे। करीब डेढ़ किलोमीटर तक सैर किया करते थे। पंडित सुखराम सैर के दौरान हाथ में माला लिए रखते थे और इसे लेकर मंत्रोच्चारण करते रहते थे।