मुख्य न्यायाधीश एए सैयद और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने अपने निर्णय में कहा कि चयन सूची में नामित उम्मीदवार नियुक्ति का अधिकार नहीं रखता है। उसके पास केवल नियुक्ति के लिए विचार किए जाने का अधिकार है।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने भर्ती मामले में एक महत्वपूर्ण व्यवस्था दी है। मुख्य न्यायाधीश एए सैयद और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने अपने निर्णय में कहा कि चयन सूची में नामित उम्मीदवार नियुक्ति का अधिकार नहीं रखता है। उसके पास केवल नियुक्ति के लिए विचार किए जाने का अधिकार है। नियोक्ता भी अपनी मर्जी से चयन सूची को दरकिनार नहीं कर सकता है। अदालत ने कहा कि यदि नियुक्ति के लिए कई रिक्तियों को अधिसूचित किया जाता है और पर्याप्त सफल उम्मीदवारों की संख्या पाई जाती है तो नियुक्ति के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता। अदालत ने स्पष्ट किया कि नियोक्ता सभी रिक्तियों को भरने के लिए बाध्य नहीं है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि नियोक्ता के पास मनमाने ढंग से कार्य करने का लाइसेंस है। रिक्तियों को न भरे जाने का निर्णय उपयुक्त और वास्तविक रूप से लिया जाना चाहिए