केंद्र की सरकार चार गुणा मुआबजा देना चाहती हे लेकिन हिमाचल की जयराम सरकार क्यों अपने किसानों को उचित मुआबजा नहीं देना चाहती

केंद्र की सरकार चार गुणा मुआबजा देना चाहती हे लेकिन हिमाचल की जयराम सरकार क्यों अपने किसानों को उचित मुआबजा नहीं देना चाहती

जिला मंडी के 10 अलग-अलग संघठनो ने सयुंकत रूप से भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच के अध्यक्ष श्री बेली राम कौंडल जी की अगुवाई में जिलाधीश मंडी के मार्फ़त भूमि अधिग्रहण, 2013 कानून (पुनर्स्थापना, पुनर्वास व चार गुना मुआबजा) को हिमाचल में लागु करवाने हेतु मांग पत्र श्रीमति द्रौपदी मुर्मू जी, महामहिम रास्ट्रपति , भारत सरकार, नई दिल्ली, को दिया गया I
भूमिअधिग्रहण प्रभाबित मंच के प्रदेश अध्यक्ष, श्री बेली राम कौंडल ने कहा कि अभी तक फोरलेन में सरकार द्वारा भूमि अर्जित की गई है उनमें भूमि अधिग्रहण, 2013 कानून (पुनर्स्थापना, पुनर्वास व चार गुना मुआवजा) को हिमाचल सरकार पूर्णतः लागू नहीं कर रही है। हालाँकि 2018 में मंत्री स्तर पर एक सब- कमेटी गठित कि गई थी जिसमें पुनर्स्थापना, पुनर्वास तथा भूमि अधिग्रहण, 2013 के अनुसार फैक्टर-2 (चार गुना मुआवजा) को लागू करने की बात तय हुई थी लेकिन 4.5 वर्ष बीत जाने के बाबजूद भी हिमाचल सरकार अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं ले पाई है, भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच आपसे अनुरोध करता है कि भूमि अधिग्रहण, 2013 कानून (पुनर्स्थापना, पुनर्वास व चार गुना मुआवजा) के सभी प्रावधानों को हिमाचल सरकार लागू करे और अब तक 18 राज्यों में चार गुणा मुआबजा दिया जा चूका हे और जबकि केंद्र सरकार के भूतल एवं परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी पहले कह चुके हे कि अगर हिमाचल की सरकार कहे तो बे चार गुणा देने को तेयार हे और यहाँ तक देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंदर मोदी अपने मन की बात में में किसानों को चार गुणा देने की हामी भरी हुई हे लेकिन हिमाचल की जयराम सरकार आना कानी कर रही हे और किसानों को उचित मुआबजा नहीं देना चाहती I

फोर लेन सयुंकत संघर्ष समिति के अध्यक्ष, जोगिन्दर वालिया ने मांग करते हुये कहा मौजूदा बाज़ार भाव तय करने में विसंगतियों को दूर कर मार्केट रेट के अनुसार मुआवजा दिया जाए । जमीन के सर्कल रेट भी उसके अनुसार तय किये जायें, जमीन व मकान के अवार्ड जो घोषित किये जा चुके हैं उनको मुआवजे का भुगतान राष्ट्रीय उच्च मार्ग/भूमि अधिग्रहण अधिकारी द्वारा अतिशीघ्र किया जाये व भुगतान में हुई देरी पर 12% ब्याज दिया जाए। प्रस्तावित सड़क 30-45 मीटर के बाहर परियोजना से प्रभावित मकानों, जमीन आदि को हुए नुकसान का मुआवजा दिया जाये ब प्रस्तावित बस स्टैंड के पास पैदल पथ या भूमिगत रास्ते, शौचालय बनाये जायें और सम्पर्क मार्ग, टी पॉइंट, टेलिफोन व बिजली की लाइन तथा पानी की निकासी हेतु पुलों का निर्माण किया जाए, सड़क के कारण उजड़े कुँए, हैण्ड- पंप, स्कूलों, पैदल पथ व मन्दिरों को पुनर्स्थापित किया जाये। टोल प्लाजा में सथानीय ग्राम पंचायतो कों टोल मुक्त किया जाये, व स्थानीय जनता/दुकानदारो के इज़मेंट राइट्स के अनुसार मुआबजा दिया जाए ।

पिछले 5-6 बर्षो से उपर्युक्त मांगो को फोरलेन सयुंक्त संघर्ष समिति, प्रभावित संघ, व्यपार मंडल, किसान सभा, फोरलेन प्रभावित समिति के प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय सरकार, राज्य सरकार तथा राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण से समय-समय पर उठाते रहे हैं लेकिन अभी तक इन समस्याओं को हल करने की दिशा में कोई उचित कार्यवाही नहीं की गई है। अत: मांग की जाती हे कि हिमाचल की जयराम सरकार किसानों की मांगो का तुरंत निपटारा करे, नहीं तो आने बाले विधानसभा चुनाबों में किसान मोजुदा सरकार को वोट की चोट देकर चलता करने पर मजबूर हो जायेंगे एवं भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच, राज्य स्तरीय आन्दोलन करने पर मजबूर होगा जिसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य, केंद्र सरकार व राष्ट्रीय उच्च मार्ग के अधिकारियों की होगी I
उपरोक्त प्रतिनिधिमंडल में जोगिन्दर वालिया, सयोंजक फोरलेन सयुंकत संघर्ष समिति/प्रभाबित मंच , बेली राम कौंडल, अध्यक्ष, भूमिअधिग्रहण प्रभाबित मंच, विजय ठाकुर, सचिब, छबील चंद, फोरलेन नौलखा-डडोर संघर्ष समिति, रामजी दास , सचिब , हिमाचल किसान सभा, कमल शर्मा, अध्यक्ष, कोटली-मंडी संघर्ष समिति, कोटली दीपक आजाद, फोर लेन पधर-मंडी प्रभाबित मंच, बालचंद , पुन्घ-नौलखा प्रभाबित समिति, राज कुमार वर्मा, जड़ोल-पुन्घ फोर लेन समिति, हरी सिंह सैनी, दीवान चंद बेहना-पंडोह फोर लेन संघर्ष समिति, भूपसिंह सकलानी, यशवंत गुलेरिया , डडोर-नागचला फोर लेन प्रभाबित मंच आदि शामिल रहे I