जयपुर: प्रदेश के सबसे बड़े जनाना अस्पताल में स्टॉफ की लापरवाही के चलते बवाल मचा हुआ है। दरअसल यहां स्टॉफ की लापरवाही के चलते दो मांओं को एक- दूसरे की संतान पकड़ा दी गई। जिन पैरेंट्स के साथ यह घटना हुई है, उनमें एक परिवार हिंदू और दूसरा मुस्लिम है। घटना के बाद हिंदू मां का आरोप है कि उसका बच्चा मुस्लिम मां ने दे दिया गया, जबकि मुस्लिम मां का आरोप है कि हिंदू मां उसका बच्चा ले गई।
दरअसल पता चला है कि दोनों माताएं एक ही अस्पताल में एक ही वार्ड में भर्ती थी और दोनों का एक ही समय पर बच्चा हुआ है। लेकिन एक बेटा है और एक बेटी। अब दोनों माताएं बेटे पर अपना अपना दावा कर रही है। इधर दोनों माताओं के दावे के बाद
3 दिन पहले दोनों की हुई थी डिलिवरी
पूरे मामले में हालांकि अस्पताल प्रशासन ने अपना पक्ष रख दिया है। अस्पताल प्रशासन ने बताया है कि नेहा को ऑपरेशन से बेटा हुआ था जबकि रेशमा ने बेटी को जन्म दिया था । लेकिन अस्पताल स्टाफ की गलती के कारण बच्चे अदल बदल गए। अस्पताल स्टाफ की गलती के कारण रेशमा के पास बेटा चला गया और नेहा को बेटी मिल गई। अस्पताल प्रशासन के अनुसार दोनों वॉल सिटी एरिया के रहने वाली है। 3 दिन पहले दोनों की डिलिवरी हुई थी। फिलहाल दोनों माताओं से उनके बच्चे ले लिए गए हैं उनको एनआईसीयू में रखा गया है और अब ब्लड टेस्ट और अन्य जांच के आधार पर बच्चों की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं। जल्द ही मामला सुलझा लिया जाएग
अस्पताल से लेकर थाने तक मचा हुआ है बवाल
इस मामले में अस्पताल अधीक्षक का कहना था कि रेशमा और नेहा उनके साथ ही उनके पति , चारों लोगों के ब्लड टेस्ट करा लिए गए हैं । रेशमा के बेटी हुई है ,नेहा के बेटा हुआ है यह तय है। फिलहाल दोनों बच्चों को एनआईसीयू में रखा गया है और दोनों बच्चों के परिजनों को समझाया जा रहा है। तथ्यों के आधार पर पुलिस मौजूदगी में दोनो माओं को उनकी संतान दी जाएगी।
पूरे मोहल्ले और अस्पताल में मिठाइयां बांट दी…लेकिन
अस्पताल स्टाफ की गलती के कारण दोनों बच्चों के हाथ पर गलत माताओं के टैग लग गए । इस कारण परेशानी हुई । मिली जानकारी के अनुसार रेशमा के पहले से बेटियां हैं उसे बेटा मिला तो परिवार ने पूरे मोहल्ले और अस्पताल में मिठाइयां बांट दी । नेहा के भी पहले से बेटा है लेकिन वह एक और बेटा चाहती है। 3 दिन तक इस मामले का किसी को पता नहीं चला लेकिन कल रात को जब दोनों बच्चों को नियमानुसार टीके लगाने के लिए ले जाया गया तब उनके एडमिट कार्ड और उनके हाथ पर मिले टैग के आधार पर पता चला कि बच्चे बदल गए हैं।