चीनी सेना असली युद्ध पर फोकस करे… भारत या ताइवान, आखिर किस देश के खिलाफ जंग की तैयारी करवा रहे जिनपिंग?

Xi Jinping Real War Preparation Order : चीन ताइवान पर अपना दावा करता है। एक इंटरव्यू में बाइडन से रविवार को पूछा गया कि ‘यदि चीन ताइवान पर हमला करता है, तो क्या अमेरिकी बल, अमेरिकी पुरुष एवं महिलाएं उसकी रक्षा करेंगे।’

बीजिंग : चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का मकसद चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को दुनिया में सबसे ताकतवर बनाना है। इसी क्रम में उन्होंने बुधवार को पीएलए को ‘असली युद्ध’ में शामिल होने की तैयारी करने के लिए कहा है। पिछले कुछ समय से चीन और ताइवान के बीच तनाव चरम पर है और पिछले महीने तो दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात पैदा हो गए थे। अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा ने चीन को भड़का दिया था। ताइवान अकेला चीन का पड़ोसी नहीं है जिसके साथ उसके संबंध तनावपूर्ण हैं, इस सूची में भारत और जापान का भी नाम शामिल है।

न्यूज एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार शी जिनपिंग ने बीजिंग में ‘नेशनल डिफेंस एंड मिलिट्री रिफॉर्म’ पर एक सेमिनार में कहा कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को ‘असली युद्ध’ में शामिल होने की तैयारी पर ध्यान देना चाहिए। जिनपिंग ने जोर देकर कहा कि देश सशस्त्र बलों को सुधारने और मजबूत करने की रणनीति को पूरी तरह से लागू करने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय रक्षा और सशस्त्र बलों के सुधार ने ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं।

‘सैन्य कार्रवाई की तैयारी पर ध्यान देना जरूरी’
चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि पीएलए एक नया सिस्टम और स्ट्रक्चर है। उन्होंने कहा कि सफल सुधारों के अनुभवों को ईमानदारी से लागू करना, नई स्थिति और कार्य आवश्यकताओं को समझना और सैन्य कार्रवाई की तैयारी पर ध्यान देना जरूरी है। ताइवान के खिलाफ चीन की आक्रमकता के बीच अमेरिका खुलकर ताइपे का समर्थन कर रहा है। बीते दिनों अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि अगर चीन ताइवान पर हमला करने की कोशिश करता है, तो अमेरिकी बल उसकी रक्षा करेंगे।

ताइवान की मदद करेगा अमेरिका, बाइडन का वादा
चीन ताइवान पर अपना दावा करता है। एक इंटरव्यू में बाइडन से पूछा गया कि ‘अगर चीन ताइवान पर हमला करता है, तो क्या अमेरिकी बल, अमेरिकी पुरुष एवं महिलाएं उसकी रक्षा करेंगे।’ इसके जवाब में बाइडन ने ‘हां’ कहा। ‘सीबीएस न्यूज’ ने बताया कि इंटरव्यू के बाद वाइट हाउस ने कहा कि अमेरिकी नीति में कोई बदलाव नहीं आया है। पेलोसी की ताइवान यात्रा से पहले बाइडन और जिनपिंग ने फोन पर एक-दूसरे से बात भी की थी लेकिन इससे तनाव कम होने के बजाय बढ़ गया था।