कपड़े की फेरी लगाने वाले पिता नहीं दे पाए कोचिंग की फीस, बिटिया घर से तैयारी कर 12th में लाई 96%

मंगलवार को यूपी बोर्ड इंटर का रिजल्ट आने के बाद से एक बार फिर मेहनत, दृढ़ इच्छाशक्ति और लगन से हासिल की गई सफलता की कई कहानियां हमारे सामने आ रही हैं. इन्हीं में से एक कहानी है टॉपर्स लिस्ट में शामिल अनुराधा गुप्ता की. 12वीं में 96% अंक प्राप्त कर अनुराधा ने राज्य में छठा स्थान हासिल किया है. उनकी इस सफलता पर उनका पूरा परिवार खुश है.

कपड़ों की फेरी लगाते हैं पिता

anuradha gupta UP tak

आजतक की रिपोर्ट के अनुसार, अनुराधा एक साधारण परिवार से आती हैं. उनके पिता रामचंद्र कपड़े की फेरी लगा कर अपने परिवार का गुजारा चला रहे हैं. अपने इसी काम से वह अपनी बेटी अनुराधा सहित अपने दो अन्य बेटों को भी पढ़ा रहे हैं. अनुराधा द्वारा इंटर में 500 में 482 अंक प्राप्त करने के बाद उनके पिता रामचंद्र बेहद खुश हैं.

बिना कोचिंग के की तैयारी

अपनी बेटी की सफलता के बारे में बात करते हुए रामचंद्र ने आजतक को बताया कि, “उन्हें अपनी बेटी पर गर्व है. उन्होंने कहा कि वह इतने पैसे वाले नहीं हैं कि बेटी की शिक्षा की सभी इच्छाएं पूरी कर सकें. उनके पास कभी इतने नहीं हुए कि उनकी बेटी कोचिंग ज्वाइन कर सके. बेटी अनुराधा ने भी पिता की इस मजबूरी को समझा और बिना कोचिंग ज्वाइन किये ही परीक्षा की तैयारी की. रामचंद्र का कहना है कि सरकार के कारण उनकी बेटी बाहर पढ़ने निकल रही थी, रोजाना स्कूल जाकर पढ़ाई करती थी. और आज उसने परिवार का मान बढ़ाया है. रामचंद्र कहते हैं कि आने वाले समय में वो अपनी बेटी का 100 परसेंट साथ देंगे.”

IAS बनना चाहती हैं अनुराधा

बांदा के सरस्वती बालिका विद्या मंदिर की स्टूडेंट अनुराधा गुप्ता ने बताया कि इस परिणाम से उनके सपनों को और मजबूती मिलेगी. वह IAS बन कर देश के उन गरीबों की मदद करना चाहती हैं, जिनके पास पढ़ाई और खाने के लिए पैसे नहीं हैं.

अनुराधा ने आगे कहा कि, “मैंने गरीबी में पढ़ाई कर इस मुकाम को हासिल किया है. इसलिए IAS बनकर मुझे गरीब लोगों की मदद करनी है.” अनुराधा ने अपने इस बेहतरीन रिजल्ट का श्रेय अपने मम्मी-पापा और टीचर्स को दिया है, जिन्होंने उनको तमाम मुश्किलों के बावजूद पढ़ाया लिखाया.

अपनी सफलता के बारे में अनुराधा ने आगे कहा कि “वह राज्य में 6th रैंक लाकर खुश हैं. उन्होंने अन्य स्टूडेंट्स सलाह देते हुए कहा कि ज्यादा से ज्यादा कंटेंट पढ़ें, जिससे आगे परीक्षा में परेशानी नहीं होगी. अनुराधा कहती हैं कि उन्होंने बिना कोचिंग के ज्यादा से ज्यादा कंटेंट पढ़कर परीक्षा पास की है. वह अपने लक्ष्य को देखकर रोजाना 8 से 10 घंटे पढ़ाई करती थीं. वह इस देश के लिए कुछ करना चाहती हैं. भ्रष्टाचार को दूर करना चाहती हैं.”