श्रीलंका के कार्यवाहक राष्ट्रपति रनिल विक्रमासिंघे ने देश की सेना और पुलिस को हालात संभालने के आदेश दिए हैं.
रनिल विक्रमासिंघे ने कहा है कि सेना और पुलिस को देश में शांति बहाल करने के लिए हर ज़रूरी कदम उठाना चाहिए.
इसी बीच श्रीलंका की सेना ने लोगों से सेना का सहयोग करने की अपील की है.
श्रीलंका इस समय गंभीर आर्थिक और राजनीतिक संकट में फंसा है और राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे बुधवार सुबह देश छोड़कर मालदीव चले गए हैं.
श्रीलंका की सेना के प्रमुख (चीफ़ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ़) जनरल शावेंद्र सिल्वा ने लोगों से तीनों सेनाओं और पुलिस का सहयोग करने की अपील की है.
शावेंद्र शिल्वा ने कहा है कि राष्ट्रपति के इस्तीफ़े और नए राष्ट्रपति के चुने जाने तक देश की जनता तीनों सेनाओं और पुलिस की देश में सुरक्षा व्यवस्था और क़ानून व्यवस्था बनाए रखने में मदद करे.
सेना प्रमुख ने आम लोगों से अपील की है कि वो सार्वजनिक या निजी संपत्तियों को नुक़सान ना पहुंचाएं. राष्ट्रपति गोटबाया ने देश छोड़ने के बाद प्रधानमंत्री रनिल विक्रमासिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया है.
प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को प्रधानमंत्री कार्यालय पर नियंत्रण कर लिया. इस दौरान श्रीलंका की सेना ने प्रदर्शनकारियों को प्रधानमंत्री कार्यालय में दाख़िल होने से रोकने का कोई गंभीर प्रयास नहीं किया.
इसी बीच कार्यवाहक राष्ट्रपति रनिल विक्रमासिंघे ने एक आदेश के जरिए बुधवार रात बारह बजे से गुरुवार सुबह पांच बजे तक देश में कर्फ्यू लगा दिया है.