तो कौन करेगा सफाई व्यस्था
बैठकों में हो रही लड़ाई तो शहर में कैसे होगी सफाई
सोलन शहर की हर गली और सड़क पर आज कूड़े का सम्राज्य है। घर घर से कूड़ा उठाया जा रहा है जिसका भुगतान भी शहर वासी नगर निगम को कर रहे है लेकिन उसके बावजूद भी वार्डों में गंदगी का आलम है। नगर निगम सोलन स्वछता में अवार्ड लेकर अपनी पीठ कई बार थपथपा चुकी है लेकिन वास्तविकता शहरवासी बखूबी जानते है। पहले गंदगी केवल कूड़े दान में दिखाई देती थी लेकिन आज आलम यह है कि हर घर और चौराहे के आगे गंदगी के ठेर लगे है। नगर निगम की बैठकों में चुने हुए प्रतिनिधि लड़ने झगड़ने में अपनी सारी ऊर्जा जाया कर रहे है लेकिन उन्होंने शहर को मूलभूत सुविधाएं भी देनी है शायद वह भूल चुके हैं। जिसको लेकर शहर वासियों में भारी रोष देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन हो चुकी है लेकिन शायद नगर निगम सोलन अभी भी कुम्भकर्णी नींद सो रहा है।
रोष प्रकट करते हुए शहर वासियों ने कहा कि घर घर से कूड़ा उठाया जा रहा है जिसकों उठाने के लिए वह नगर निगम को पैसे भी दे रहे है लेकिन उसके बावजूद भी उनकी गलियों और सड़कों पर कूड़े की स्थिति जस की तस बनी हुई है। जो यह बात साबित करता है कि घरों से या तो कूड़ा उठाया नहीं जा रहा है या कूड़ा उठा कर सफाई कर्मी सड़कों पर ठेर लगा रहे है। उन्होंने कहा कि सोलन शहर में 17 वार्ड है और नगर निगम के पास शायद गाड़ियों की कमी है इस लिए वार्डों से समय पर कूड़ा नहीं उठाया जा सकता है। लेकिन नगर निगम के पदाधिकारी इस और ध्यान नहीं दे रहे है और लड़ाई झगड़े में व्यस्त है। वह चाहते है कि सोलन शहर में इंदौर की तरह सफाई व्यस्था हो लेकिन यहाँ तो सफाई की बजाए गंदगी देखी जा रही है।