गजब है हरियाणा की इस महिला का हौसला , मासूम बच्चे को संभालते हुए बन गई IAS

यूपीएससी देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में ही एक है। इस परीक्षा के लिए हर साल लाखों बच्चे आवेदन करते हैं लेकिन सफलता सिर्फ कुछ ही लोगों को मिल पाती है। इस परीक्षा को पास करने के लिए कोई अपनी लाखों की नौकरी छोड़कर तैयारी करता है तो कोई अपने परिवार से दूर रहकर सेल्फ स्टडी के आधार पर तैयारी करता है। लेकिन इस परीक्षा में सफलता मिलना वाकई बेहद मुश्किल है।

लेकिन आज हमारे सामने ऐसे भी कई उदाहरण हैं जिन्होंने इस परीक्षा को कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास के सहारे पास किया है। इन्हीं में से एक हैं पुष्पलता। पुष्पलता आज एक IAS अफसर के पद पर तैनात हैं लेकिन पुष्पलता के लिए ये सफर आसान नहीं था। पुष्पलता ने 2 साल के बच्चे और घर परिवार को संभालते हुए परीक्षा की तैयारी को किया और उसमें सफलता भी हासिल की। आइए जानते हैं पुष्पलता के बारे में।

हरियाणा की रहने वाली हैं पुष्पलता

आज महिलाएं किसी से पीछे नहीं हैं। यदि उनका थोड़ा भी साथ दिया जाए तो वे हर क्षेत्र मेब्न बेहतरीन प्रदर्शन करने में सक्षम हैं। आज कहानी एक ऐसी ही महिला अफसर की जिन्होंने अपने घर परिवार और 2 साल के बच्चे को संभालते हुए UPSC जैसी कठिन परीक्षा की न सिर्फ तैयारी की बल्कि उसमें सफलता हासिल कर अपना IAS बनने का सपना भी पूरा किया। ये महिला अफसर कोई और नहीं बल्कि IAS पुष्पलता हैं।

पुष्पलता हरियाणा के रेवाड़ी ज़िले के छोटे से गाँव खुशबूरा की निवासी हैं। पुष्पलता बचपन से ही पढ़ाई लिखाई की बेहद शौकीन थी। अपने गाँव से ही पुष्पलता ने शुरुआती पढ़ाई को पूरा किया। शुरुआती पढ़ाई पूरी करने के बाद पुष्पलता अपने एक रिश्तेदार के घर चली गईं औरउन्होंने आगे की पढ़ाई वहीं से ही की। उन्होंने BSC में स्नातक की डिग्री को हासिल करने के बाद मास्टर्स की पढ़ाई को किया और इसके बाद पुष्पलता ने MBA की पढ़ाई को पूरा किया।

हालांकि इसके बीच में पुष्पलता की कई बार पढ़ाई भी छूटी और 5 साल तक पढ़ाई में गैप भी हुआ लेकिन पुष्पलता का पढ़ाई से कभी लगाव कम नहीं हो पाया। MBA की पढ़ाई पूरी करने के बाद पुष्पलता ने एक निजी कंपनी में नौकरी करना भी शुरू कर दिया। इसी दौरान पुष्पलता की शादी भी हो गई थी और उनके एक बेटा भी हो गया।

 

UPSC की तैयारी के लिए दिया नौकरी से इस्तीफा

अब पुष्पलता एक बैंक में भी नौकरी करने लगी। यहाँ उन्हें अच्छी ख़ासी सैलरी मिल रही थी लेकिन इसके बावजूद भी इस काम से खुश नहीं थी। पुष्पलता को एहसास हुआ कि वे समाज के लिए कुछ करना चाहती हैं। इसलिए अब पुष्पलता ने UPSC कि परीक्षा को देने का मन बनाया। हालांकि जब उन्होंने इस परीक्षा के सिलेबस को देखा तो उन्हें काफी मुश्किल लगा लेकिन ऐसे में उनके पति और ससुराल वालों ने उनका साथ दिया।

UPSC की तैयारी करने के लिए उन्होंने नौकरी से इस्तीफा भी दे दिया था। लेकिन इस परीक्षा की तैयारी के लिए पुष्पलता के पास इतने पैसे नहीं थे कि वे कोचिंग ले सकें। ऐसे में पुष्पलता ने सेल्फ स्टडी के आधार पर ही परीक्षा देने का फैसला किया। इसी बीच उनके लिए सेल्फ स्टडी करना भी आसान नहीं था क्यूंकि उनके दो साल को बेटा भी था लेकिन उन्होंने सब चीजों को अच्छे से मैनेज कर लिया था।

अब इस परीक्षा के लिए पुष्पलता कड़ी मेहनत कर रही थी और तैयारी के साथ साथ अपने घर परिवार को भी संभाल रही थी। हालांकि उनके लिए ये सफलता आसान नहीं था लेकिन पुष्पलता भी हार मानने वालों में से नहीं थी। उन्होंने इंटरनेट और कई माध्यमों का सहारा लेकर इस परीक्षा की तैयारी को पूरा किया।

पहले प्रयास में मिली असफलता

हालांकि तैयारी के बाद 2017 में पुष्पलता ने पहली बार परीक्षा को दिया जिसमें वे 7 नंबर से फाइनल लिस्ट में आने से चूक गईं। इसके बाद उन्हें कई लोगों ने ताने भी मारे लेकिन पुष्पलता ने किसी की भी बातों पर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने बिना निराश हुए दोबारा से परीक्षा को दिया। 2018 में पुष्पलता ने दूसरी बार परीक्षा दी थी जिसमें उन्हें 80वीं रैंक मिली। इसके साथ ही उनका IAS बनने का सपना भी पूरा हो गया।

पुष्पलता ने अन्य कैंडीडेट्स को सलाह देते हुए कहा कि जिन परीक्षार्थियों के पास कोचिंग की सुविधा नहीं है उन्हें भी चिंता नहीं करनी चाहिए क्यूंकि इंटरनेट के जमाने में आज सभी सामग्री इंटरनेट पर ही मौजूद है। वहीं पुष्पलता का मानना है कि परीक्षार्थी को लिमिटेड संसाधनों के साथ परीक्षा कि तैयारी को करना चाहिए। वहीं वे रिवीजन पर ज्यादा ध्यान देने की भी सलाह देती हैं। पुष्पलता ने अपनी तैयारी भी छोटे छोटे टारगेट बनाकर पूरी की जिसे वे रोजाना खत्म करती थी।

हालांकि घर परिवार की जिम्मेदारियों के चलते पुष्पलता का कोई फिक्स शेड्यूल नहीं बन पाया लेकिन वे दिन के अंत तक अपने टारगेट को जरूर पूरा करती थी। पुष्पलता बच्चे के उठने से पहले ही सुबह चार बजे उठ जाती थी और 2-3 घंटे की पढ़ाई को भी पूरा कर लेती थी। इसके बाद थोड़े बहुत काम कर वापस से पढ़ाई करने बैठ जाती थी। आज उन्होंने अपनी सफलता से कई लोगों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है।