चार्जशीट न लाने पाने के बाद अब एक सवाल यह भी लोगों के जहन में उठ रहा है कि क्या कांग्रेस के पास मौजूदा भाजपा सरकार के खिलाफ कोई मुद्दा ही नहीं
मंडी. हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा ने नारा दिया है कि इस बार ’’सरकार नहीं, रिवाज़ बदलेंगे.’’ भाजपा यह नारा फलीभूत होता है या नहीं, इसका पता तो चुनावों के परिणामों के बाद ही चल पाएगा, लेकिन चुनाव से पहले इस बार प्रदेश में एक ऐसा रिवाज़ बदल गया, जिसके बारे में शायद सोचा भी नहीं जा सकता था.
और वो रिवाज है चार्जशीट का. चुनावों से लगभग एक या डेढ़ महीना पहले विपक्षी दल की तरफ से सत्तापक्ष पर आरोपों की बौछार करने के लिए एक चार्जशीट बनाकर राज्यपाल को सौंपी जाती थी. उसके बाद फिर चुनावों के दौरान यही चार्जशीट सबसे बड़ा मुद्दा भी बनकर रह जाती थी, लेकिन इस बार विपक्ष की भूमिका निभा रही कांग्रेस इस चार्जशीट को लाने में नाकाम रही है. कांग्रेस ने इस बार चार्जशीट पेश करने के ’’रिवाज़’’ को पूरी तरह से बदल डाला है.
चार्जशीट न लाने पाने के बाद अब एक सवाल यह भी लोगों के जहन में उठ रहा है कि क्या कांग्रेस के पास मौजूदा भाजपा सरकार के खिलाफ कोई मुद्दा ही नहीं. जो आरोप विपक्ष की तरफ से लगाए जा रहे हैं, उन्हें तथ्यों के साथ पेश करने में कांग्रेस पार्टी नाकाम कैसे रह गई, जबकि चार्जशीट पर काम करने के लिए बाकायदा कमेटी का गठन किया गया था. सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि कांग्रेस अभी तक अपनी चार्जशीट को ही सही ढंग से नहीं बना पाई है.
चार्जशीट बनाकर हाईकमांड को सौंप दी है
कांग्रेस की चार्जशीट कमेटी के चेयरमैन राजेश धर्माणी का कहना है कि उनकी तरफ से समय रहते चार्जशीट कांग्रेस हाईकमांड को सौंप दी गई.है। उसका फाइनल ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है. चार्जशीट पर हाईकमान ही अंतिम निर्णय लेगी कि इसे कब जारी करना है. मुझे जो दायित्व सौंपा गया था, मैंने उसका बखूबी निर्वहन कर दिया है.
कांग्रेस के पास सरकार के खिलाफ कोई मुद्दा नहीं
भाजपा के प्रदेश महामंत्री राकेश जम्वाल का कहना है कि कांग्रेस के पास भाजपा सरकार के खिलाफ कोई भी मुद्दा नहीं है. इससे यह साफ जाहिर हो रहा है कि पांच वर्षों तक कांग्रेस ने जो भी आरोप लगाए वो सभी निराधार और हो हल्ला करने के लिए थे. अगर चार्जशीट आती तो भी इससे कांग्रेस की ही फजीहत होनी थी. जयराम सरकार पूरी तरह से एक ईमानदारी से काम करने वाली सरकार है.