लंबे समय बाद अपने धर्मगुरु को अपने बीच देखने के लिए लद्दाख में रह रहे तिब्बती शरणार्थियों में खासा उत्साह है। दलाईलामा के लद्दाख दौरे से एक बार फिर चीन की दुखती रग दबेगी।
तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु दलाईलामा अपने दो दिवसीय दौरे के लिए 15 जुलाई को लद्दाख पहुंचेंगे। लंबे समय बाद अपने धर्मगुरु को अपने बीच देखने के लिए लद्दाख में रह रहे तिब्बती शरणार्थियों में खासा उत्साह है। दलाईलामा के लद्दाख दौरे से एक बार फिर चीन की दुखती रग दबेगी। कोरोना महामारी के चलते दो साल बाद दलाईलामा की धर्मशाला से बाहर यह पहली यात्रा है। कोरोना संक्रमण के चलते उन्होंने खुद को मैक्लोडगंज स्थित आवास में आइसोलेट कर लिया था। इस दौरान उनका किसी से भी मिलना जुलना नहीं हुआ। दुनिया भर के अनुयायियों से वह वर्चुअल माध्यम से रू-ब-रू होते रहे। पिछले महीने लद्दाख के बौद्ध संघ ने मैक्लोडगंज में मुलाकात करके दलाईलामा को लद्दाख आने का निमंत्रण दिया था।
दलाईलामा ने उनके निमंत्रण को स्वीकार कर लिया था। लद्दाख में उनके दौरे के मद्देनजर ट्रैफिक व्यवस्था सहित अन्य तैयारियां शुरू भी कर दी हैं। इससे पहले दलाईलामा ने 2018 में लद्दाख में अपना जन्मदिन मनाया था। उस दौरान भी चीन की तरफ से भारत के प्रति कड़ी प्रतिक्रिया आई थी। इसी सप्ताह जब दलाईलामा के जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी थी। उस पर भी चीन ने कड़ी नाराजगी जताई थी। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा था कि भारत को चीन के आंतरिक मामलों में दखल देने से परहेज करते हुए तिब्बत से जुड़े मुद्दों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।