ब्रिटेन में भारतीय मूल के लोगों का दबदबा, सत्ता पक्ष और विपक्ष में सात-सात सांसद

यूके में भारतीय मूल के 14 सांसद हैं। इनमें लेबर और कंजरवेटिव पार्टी के सात-सात सांसद हैं। लेबर पार्टी के सांसद तनमन ढेसी का कहना है कि ऋषि सुनक का पीएम बनना गर्व की बात लेकिन यूके में आम चुनाव जरूरी हो गए हैं।

Rishi Sunak
Rishi Sunak

ब्रिटेन में ऋषि सुनक पीएम की कुर्सी पर बैठने जा रहे हैं और इसके साथ ही भारतीय मूल का दबदबा विपक्ष से लेकर पीएम की कुर्सी तक हो जाएगा। ऋषि सुनक के पूर्वजों का ताल्लुक अविभाजित भारत से है। गुजरांवाला से परिवार अफ्रीका और बाद में ब्रिटेन में जाकर बस गया था। यूके में भारतीय मूल के 14 सांसद हैं। इनमें लेबर और कंजरवेटिव पार्टी के सात-सात सांसद हैं। लेबर पार्टी के सांसद तनमन ढेसी का कहना है कि ऋषि सुनक का पीएम बनना गर्व की बात लेकिन यूके में आम चुनाव जरूरी हो गए हैं।

तनमनजीत सिंह ढेसी पहले पगड़ीधारी सांसद हैं। इन्होंने भारतीय मूल की ही कंवल गुर गिल को हराकर दोबारा साउथ-ईस्ट इंग्लैंड, एजबेस्टेन से अपनी सीट जीती थी। ढेसी पहले पगड़ीधारी सांसद हैं, जिन्होंने कंजरवेटिव पार्टी के पूर्व पीएम बोरिस जॉनसन को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। जालंधर के एमजीएन स्कूल के छात्र तनमन ढेसी स्लो से मेयर भी रह चुके हैं और उनके परिवार का पंजाब में भी खासा रसूख है।

प्रीत कौर गिल पिछले चुनाव में जीत हासिल कर संसद पहुंचने वाली पहली सिख महिला थीं। प्रीत कौर गिल ने बर्मिंघम एडबास्टन सीट को 21217 वोटों से अपने नाम की थी। वह भी जालंधर के गांव जमशेर की रहने वाली हैं और यूके की प्रमुख विपक्षी पार्टी लेबर की सांसद हैं। इजराइल और भारत में सड़क पर रहने वाले बच्चों का जीवन सुधारने के लिए भी इन्होंने काम किया है और कंजरवेटिव पार्टी की सरकार को कटघरे में खड़ा करती रही हैं।

प्रीत कौर गिल, सीमा मल्होत्रा और नादिया व्हिटोम।
प्रीत कौर गिल, सीमा मल्होत्रा और नादिया व्हिटोम। – फोटो : फाइल
जालंधर के इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन लेखराज शर्मा के बेटे सांसद वीरेंद्र शर्मा ने भी एलिंग साउथ हॉल सीट से तीसरी बार जीत दर्ज कर चुके हैं। लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पढ़ाई की है। ये तीन भाषाएं पंजाबी, हिंदी और ऊर्दू के जानकार हैं। पहली बार इस सीट ये 2007 में चुने गए थे। इसके बाद उन्होंने कभी हार का मुंह नहीं देखा और लेबर पार्टी के दमदार सांसद हैं।

नादिया व्हिटोम यूके की युवा सांसद हैं, जिनके पिता सिख थे। उनका परिवार पंजाब के बंगा में रहता था, जहां से वह यूके चला गया। नादिया व्हिटोम तब सुर्खियों में आई थीं, जब उन्होंने भारत में मुसलमानों के घरों पर यूपी में चलने वाले बुलडोजर को लेकर बयान जारी किया था। भारतीय मूल की सीमा मल्होत्रा ने भी फेल्थम और हेस्टन सीट पर जीत दर्ज की थी। इनके पिता का नाम सुशील कुमार मल्होत्रा और मां का नाम ऊषा मल्होत्रा है। 2011 में पहली बार उपचुनाव के बाद संसद पहुंची थीं।

यह किसी से छिपा नहीं है कि इन सांसदों ने यूके की पूर्व गृहमंत्री प्रीति पटेल और पूर्व पीएम बोरिस जॉनसन को संसद में लगातार घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सांसद वीरेंद्र शर्मा, तनमन ढेसी, प्रीत कौर गिल, सीमा मल्होत्रा और नादिया व्हिटोम समेत 12 जातीय अल्पसंख्यक लेबर सांसदों के एक समूह ने पूर्व गृह मंत्री प्रीति पटेल को हर कदम पर घेरा और बाकायदा पत्र लिखा। इसका शोर पूरी दुनिया में मचा था।

ब्रिटेन में हालात काफी बुरे, अब आम चुनाव जरूरी: ढेसी
ब्रिटेन में बेशक भारतीय मूल के ऋषि सुनक पीएम बन गए हैं लेकिन विरोधी लेबर पार्टी के भारतीय मूल के सांसदों ने आम चुनाव की मांग की है। सांसद तनमनजीत सिंह ढेसी ने अमर उजाला से बातचीत में कहा कि एशिया मूल के ऋषि सुनक के पीएम बनने से गर्व है लेकिन उनकी कंजरवेटिव पार्टी ने यूके के हालात बद से बदतर बना दिए हैं। यही वजह है कि आम चुनाव जरूरी हैं। कंजरवेटिव पार्टी को जनता के बीच आना चाहिए।

तनमनजीत सिंह ढेसी ने कहा कि 2010 से 50 प्रतिशत अदालतें बंद हो गईं। अदालत की तारीख पाने के लिए चार साल तक प्रतीक्षा करना पड़ता है। रिकॉर्ड बैकलॉग है। यह सरकार कमजोरों को निराश कर रही है। बर्मिंघम एजबेस्टन की सांसद प्रीत कौर गिल ने तो सोशल मीडिया पर लिखा कि राजनीतिक अस्थिरता ने सरकार को पंगु बना दिया है। अब बहुत हो गया! आम चुनाव हो। 12 साल की विफलता के बाद, ब्रिटेन बेहतर कल का हकदार है। हमें एक नई शुरूआत करनी चाहिए।