चुनाव आयोग बताए कि बिलासपुर में मोदी की रैली भाजपा की थी अथवा सरकार की
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के हिमाचल प्रदेश सचिव एवं अधिवक्ता प्रवेश चंदेल ने बिलासपुर में भाजपा द्धारा पांच अक्टूबर को आयोजित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली एवं उस पर खर्च हुई करोडों रूपये की राशि पर सवाल उठाए है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन एवं चुनाव आयोग बताए कि यह भाजपा की रैली थी अथवा सरकार की। जिस पर पानी की तरह करोडों रूपये की राशि बहाई गई। बल्कि इस रैली को कामयाब करने के लिए जमकर सरकारी मशीनरी का भी जमकर दुरुपयोग किया गया। वहीं, रैली के नाम पर बिलासपुर में चारों ओर प्लास्टिक की बोतलें व भाजपा के झंडे चारों ओर फेंके हुए है। जिससे चारों ओर गंदगी का आलम पैदा हो गया है।यहां पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए भाकपा प्रदेश सचिव एवं अधिवक्ता प्रवेश चंदेल ने कहा कि भाजपा ने अब रैलियों के नाम पर कारोपरेट की तर्ज पर करोडों रूपये की धन राशि खर्च करने का एक नई परंपरा शुरू कर दी है। वहीं दूसरी ओर सरकार के पास सरकारी कर्मचारियों को भते व वेतन देने के लिए पैसे नहीं है। लेकिन इन रैलियों पर करोडों खर्च किए जा रहे है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा एम्स का चौथी बार उदघाटन किया गया। इससे पहले वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एम्स का शिलान्यास किया। उसके बाद फिर से एम्स में भूमि पूजन किया गया। इसी पहले एम्स में ओपीडी का शुभारंभ किया गया। अब फिर से प्रधानमंत्री द्धारा आईपीडी का उदघाटन करवाया गया। जिस पर करोडों रूपये की राशि खर्च की। वह इस मुददे पर शीघ्र ही आर टी आई के माध्यम से पूरी जानकारी लेंगे। चंदेल ने कहा कि प्रदेश भाजपा सरकार द्धारा अपनी रैली को सफल करने के लिए फिर से हाइड्रो इंजीनियरिग कालेज व एम्स का उदघाटन करवाने का षडयंत्र रचा गया। तथा भाजपा कार्यकर्ताओं को लाने व छोडने के लिए पूरे प्रदेश से बसों को बुक किया गया। जिससे लोगों को परेशान होना पडा। वहीं , निजी बस आपरटरों पर भी दवाब बनाया गया । उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की रैली को सफल बनाने में उच्च अधिकारियों ने भी भाजपा एंजेट के रूप में काम किया। जिस पर चुनाव आयोग को कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस मामले पर चुनाव आयोग ने भी कोई संज्ञान नहीं लिया। प्रदेश भाकपा सचिव प्रवेश चंदेल ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर द्धारा बिलासपुर के लुहणु स्थित कहलूर खेल परिसर के नाम को बदलने के बयान का विरोध करते हुए कहा कि बिलासपुर की अस्मिता व इतिहास से छेडछाड बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस खेल परिसर का नाम बिलासपुर की ही महान व्यक्ति अथवा इतिहास से रखा जाए।