The family of Omshiv Gupta of Solan has kept his passion for currency collection alive for four generations.

चार पीडियों से करंसी कलैक्शन का शौक जिन्दा रखे है सोलन के ओमशिव गुप्ता का परिवार

सोलन में एक युवक  ओम शिव गुप्ता  को उसके शौक ने  हिमाचल में अलग पहचान  दिलाई है  | ओम शिव गुप्ता अभी महज 13 वर्ष का है और उसने केवल  5 वर्षों में डाक टिकटों और देश विदेश की करंसी की अच्छी खासी एकत्र कर ली है | यह युवक खाली समय में और बच्चों की तरह मोबाईल पर गेम नहीं खेला करता बल्कि डाक टिकटों और करंसी के बारे में जानकारी हासिल करता है | ओम शिव गुप्ता के पास ऐसे दुर्लभ नोट है जो अमूमन देखने को नहीं मिलते है | जैसे साढ़े सात लाख डॉलर का नोट शून्य अंक वाला नोट , मुगल कालीन सिक्के और इसके साथ साथ भारत और विदेश की डाक टिकेट्स | इस  शौक में अब ओम शिव का परिवार भी उसका साथ देने लगा है और अब वह भी  उसकी इस शौक में उसका हाथ बटाते  है | 
                                             अपने शौक के बारे में ओम शिव गुप्ता  ने बताया कि वह जब तीसरी कक्षा में थे तब उनके पिता ने उनके दादा जी द्वारा एकत्र किए गए सिक्कों को दिखाया और उनके महत्व को समझाया तब से उन्हें भी सिक्कों को एकत्र करने का शौक पैदा हो गया | तब से लेकर वह दुर्लभ सिक्कों को एकत्र कर रहे है | वहीँ  ओमशिव ने  बताया कि जब  छटी  कक्षा में उन्हें स्कूल द्वारा टिकट एकत्र करने का टास्क दिया गया तो  उन्हें टिकट एकत्र करने का शौक भी हो गया | अब वह टिकट और करंसी दोनों एकत्र कर रहे है | जो भी उनके घर में आता है तो वह उसे अपनी यह कलैक्शन ज़रूर दिखाते है और वह भी हैरान रह जाते है | ओमशिव ने बताया कि वह जब भी कोई  करंसी देखता है तो या तो वह उस से मांग लेता है अगर नहीं मिलता तो उसे खरीद कर भी अपनी कलैक्शन में शामिल कर लेता है | 
वहीँ ओमशिव गुप्ता की माता ने ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा कि पहले ओम के पड़ दादा और   दादा जी करंसी एकत्र  करने का शौक रखते थे  फिर उनके बाद ओम के पिता ने यह शौक जारी रखा अब खुद ओम  चौथी पीड़ी  में इस शौक का जिंदा रखे हुए है | उन्होंने बताया कि  इस शौके में ओम के पिता भी उसका हाथ बटा  रहे है वहीँ  स्कूल ने भी उसका शौक स्टैम्प्स एकत्र करने में भी बढ़ाया | यही वजह है कि उसका शौक दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है और सभी इस शौक से बेहद खुश है |