सर्वाइकल कैंसर से जंग अब होगी आसान, देश को कल मिलेगी पहली वैक्सीन

नई दिल्ली. सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ लड़ाई के लिए भारत को पहली स्वदेशी वैक्सीन मिलने जा रही है. 1 सितंबर यानी गुरुवार को सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) के खिलाफ पहली वैक्सीन को लॉन्च किया जाएगा. इस वैक्सीन (Cervical Cancer Vaccine)को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने डेवलप किया है. सीरम इंस्टीट्यूट और बायोटेक्नोलॉजी विभाग की ओर से इसे लॉन्च किया जा रहा है.

सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ भारत के पहले क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमावायरस वैक्सीन (qHPV) को मार्केट ऑथराइजेशन के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने हाल ही में मंजूरी दी थी. एचपीवी वैक्सीन का उद्देश्य महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर से बचाना है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सर्वाइकल कैंसर से देश में हर आठ मिनट में एक महिला की मौत हो जाती है. इस बीमारी को रोका जा सकता है, लेकिन यह तभी संभव है, जब इसका पता जल्दी चल जाए. और पता लगने के साथ ही इसे सही तरीके से मैनेज किया जाए.

फिलहाल दुनियाभर में सर्वाइकल कैंसर की दो वैक्सीन हैं. इनमें पहली है क्वाड्रिवेलेंट वैक्सीन और दूसरी है बाइवेलेंट वैक्सीन. जो वैक्सीन सीरम ने तैयार कि है. वह हेपेटाइटिस बी वैक्सीन के समान वीएलपी पर आधारित है. डॉक्टरों का कहना है कि इस वैक्सीन के आने से सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम में मदद मिलेगी और इस कैंसर से होने वाली मौतों को कम किया जा सकेगा.

नई वैक्सीन की कीमत क्या होगी?
वर्तमान में भारत में विश्व स्तर पर लाइसेंस प्राप्त दो वैक्सीन उपलब्ध हैं. पहला है क्वाड्रिवेलेंट वैक्सीन (quadrivalent vaccine) और दूसरा है बाइवेलेंट वैक्सीन (bivalent vaccine). क्वाड्रिवेलेंट वैक्सीन की कीमत 2,800 रुपए प्रति खुराक है. और बाइवेलेंट वैक्सीन की कीमत 3,299 रुपए प्रति खुराक है. नई वैक्सीन हेपेटाइटिस बी वैक्सीन के समान वीएलपी (Virus-like particles) पर आधारित है. यह एचपीवी वायरस के एल 1 प्रोटीन के खिलाफ एंटीबॉडी उत्पन्न करके सुरक्षा प्रदान करता है. फिलहाल इसकी कीमत को लेकर कोई जानकारी सामने नहीं आई है.
सर्वाइकल कैंसर के मामलों में भारत का पांचवां स्थान
दुनिया भर में सर्वाइकल कैंसर दूसरा सबसे कॉमन कैंसर है. यह 15 से 44 वर्ष की महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौतों का दूसरा सबसे कॉमन कारण है. वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन की इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC-WHO) के मुताबिक भारत में सर्वाइकल कैंसर के 1.23 लाख मामले प्रति वर्ष आते हैं. इसमें लगभग 67,000 महिलाओं की मौत हो जाती है. सर्वाइकल कैंसर के मामलों में भारत का पांचवां स्थान है.
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण के बारे में नहीं होती है जानकारी
सर्वाइकल कैंसर ह्यूमन पैपिलोमावायरस की वजह से होता है. ये वायरस लंबे समय तक शरीर में रहता है और बाद में सर्वाइकल कैंसर का कारण बनता है, हालांकि जिन महिलाओं की इम्यूनिटी अच्छी होती है उनके शरीर में ये वायरस पनप नहीं पाता और खत्म हो जाता है, लेकिन एचआईवी या अन्य किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित महिलाओं को इस कैंसर के होने की आशंका रहती है. इस कैंसर के अधिकतर मामले एडवांस स्टेज में सामने आते हैं. सवाईकल कैंसर के लक्षणों के बारे में जानकारी न होना और इस बीमारी को नजरअंदाज करने से ऐसा हो रहा है.