नवभारत टाइम्स ऑनलाइन की ‘फिल्मी फ्राइडे’ सीरीज में जानिए देश की पहली फिल्म ‘राजा हरिश्चंद्र’ के बनने की कहानी। दादासाहेब फाल्के ने इस फिल्म को 109 साल पहले पुणे के पास एक गांव में शूट किया था। जानते हैं VFX के बिना एक्टर्स को कैसे गायब किया जाता था?
साल 1913 और तारीख 3 मई। वो दिन देश के इतिहास के इतिहास में स्वर्णिम दिनों के रूप में दर्ज है। उस दिन देश की पहली फीचर फिल्म ‘राजा हरिश्चचंद्र’ रिलीज हुई थी। फिल्म कैसी होती है, सबकुछ ऐसा दिखता है। कैसे एक्टिंग करते हैं। इन तमाम सवालों के साथ ‘राजा हरिश्चचंद्र’ को देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ी थी। ‘राजा हरिश्चचंद्र’ भारतीय सिनेमा की पहली फिल्म थी, जो आज से 109 साल पहले रिलीज हुई थी। उस समय न तो टॉकी फिल्मों का जमाना था और न ही एडवांस्ड फिल्म तकनीक। भारत का तो सिनेमा और फिल्मी तकनीक से दूर-दूर तक कोई रिश्ता नहीं था। तो फिर ‘राजा हरिश्चंद्र’ कैसे शूट हुई थी? क्या आप जानते हैं कि इस फिल्म की शूटिंग कहां और कितने दिनों में हुई थी?
नवभारत टाइम्स ऑनलाइन की ‘फिल्मी फ्राइडे’ सीरीज में हम आपको इसी बारे में बता रहे हैं। ‘राजा हरिश्चंद्र’ को दादासाहेब फाल्के ने डायरेक्ट किया था। उन्होंने ही इस फिल्म की कहानी लिखी और इसमें पैसा लगाए। यहां तक कि ‘राजा हरिश्चंद्र’ की एडिंटिंग तक दादा साहेब फाल्के ने की थी। इस फिल्म से दादासाहेब फाल्के ने भारतीय सिनेमा की नींव रखी थी। इसीलिए उन्हें ‘फादर ऑफ इंडियन सिनेमा’ कहा जाता है।